मुम्बई। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि गठबंधन सहयोगी दोनों दलों के संबंधों में पिछले कुछ समय से खटास आई है। शाह ने उद्धव से उनके आवास ‘मातोश्री’ में मुलाकात की।
शाह के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी थे। भाजपा ने कहा कि यह बैठक अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उसके ‘सम्पर्क फॉर समर्थन’ अभियान को लेकर थी, जिसका नेतृत्व शाह कर रहे हैं। इसे बहुत महत्वपूर्ण बैठक के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि केंद्र और राज्य स्तर पर गठबंधन सहयोगी होने के बावजूद भाजपा और शिवसेना के संबंधों में खटास आई है।
गठबंधन सहयोगी दोनों पार्टियों ने पालघर लोकसभा सीट के लिए गत 28 मई को हुआ उपचुनाव अलग...अलग लड़ा था और प्रचार के दौरान दोनों ने एकदूसरे पर जमकर हमले किए थे। शिवसेना विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खिन्न है और उसने लगातार उन पर हमले किए हैं। पालघर उपचुनाव में भाजपा से हार का सामना करने के बाद शिवसेना ने सहयोगी पार्टी को ‘सबसे बड़ा राजनीतिक शत्रु’ करार दिया था।
शिवसेना ने शाह और ठाकरे के बीच ‘चार वर्ष के अंतराल के बाद’ बैठक की ‘जरूरत’ पर कल सवाल उठाया था।
शिवसेना पहले ही घोषणा कर चुकी है कि 2019 वह अकेले ही चुनाव लड़ेगी। दोनों दल ढाई दशक से अधिक समय तक सहयोगी रहे लेकिन 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दोनों ने अपने संबंध तोड़ लिये । बाद में राज्य में फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए दोनों ने फिर से हाथ मिला लिया।
‘सामना’ में आज प्रकाशित संपादकीय में शिवसेना ने विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनावों में हार के बाद भाजपा के पहुंच कार्यक्रम पर सवाल उठाया। संपादकीय में कहा गया कि शिवसेना आगामी सभी चुनाव अकेले लड़ेगी। इसके में लिखा है, ‘प्रधानमंत्री विश्व की यात्रा कर रहे हैं और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सम्पर्क कार्यक्रम के तहत देशभर में घूम रहे हैं। शाह राजग सहयोगियों से मिलेंगे। तथापि वह वास्तव में क्या करेंगे? वह ऐसे समय में क्यों मिल रहे हैं, जब भाजपा को उपचुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।’(भाषा)