मुंबई। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को नवंबर 2016 में उच्च मूल्य वाले नोटों को बंद करने के लाभों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि जिस धन का लेन-देन अर्थव्यवस्था से इतर होता था, वह अब आधिकारिक बैंकिंग प्रणाली में आ गया है।
नए भारत के निर्माण की भाजपा की परिकल्पना के बारे में उन्होंने कहा कि हम धन को रक्षा, ग्रामीण विकास तथा बुनियादी ढांचे पर खर्च करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास विश्वस्तरीय सरकारी संस्थान होने चाहिए ताकि गोरखपुर त्रासदी जैसी शर्मनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
जेटली ने कहा कि मोदी सरकार 7-7.5 फीसदी जीडीपी विकास दर से संतुष्ट नहीं है। विकास दर को बढ़ाने के लिए सरकार राष्ट्र के हित में सख्त फैसले लेना जारी रखेगी, ठीक वैसे ही जैसे उसने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद किया था।
जेटली ने सत्ता में 3 वर्ष पूरे करने वाली भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। इस क्रम में उन्होंने जीएसटी, नोटबंदी, दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता, बेनामी लेन-देन से संबंधित कानूनों में संशोधन, स्पेक्ट्रम और प्राकृतिक संसाधनों के निष्पक्ष आवंटन और विभिन्न देशों के साथ की गई दोहरा कराधान बचाव संधि का जिक्र किया। (एजेंसी)