मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्म में स्याही फेंकने वाले दृश्य को हटाए जाने के लिए निर्देश देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नकारा नहीं जा सकता।