नई दिल्ली। सूरत दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कथावाचक आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी। आसाराम राजस्थान की जोधपुर कोर्ट में सजा काट रहा है।
जमानत पर सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि आसाराम के खिलाफ सूरत में चल रहे रेप केस में अभी 10 गवाहों के बयान दर्ज होने बाकी हैं। अत: जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति एनवी रामना की बेंच में हुई सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार की पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में 10 गवाहों के बयान होना अभी बाकी हैं। ऐसे में शीर्ष अदालत ने आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी।
उल्लेखनीय है कि सूरत की रहने वाली 2 बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उन्हें अवैध तरीके से बंधक बनाकर रखा गया और उनके साथ दुष्कर्म किया गया। वर्ष 2013 में जोधपुर की अदालत ने एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में उन्हें दोषी करार दिया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी।