एनआरसी में शामिल होने के लिए असम में 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था। भारतीय महापंजीयक शैलेश ने कहा कि इस ऐतिहासिक दस्तावेज में 40.07 लाख आवेदकों को जगह नहीं मिली है। यह ‘ऐतिहासिक दस्तावेज’ असम का निवासी होने का प्रमाण-पत्र होगा। एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरमियानी रात जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे।