बाबा रामदेव के 'पतंजलि साम्राज्य' का एक अर्द्धसत्य

शनिवार, 4 जून 2016 (16:42 IST)
कहने को तो बाबा रामदेव एक योग गुरु हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता के साथ-साथ उनके उपभोक्ता उत्पादों का कारोबार कुछ ही वर्षों में वैश्विक स्तर की बहुराष्ट्रीय कंपनियों- यूनीलीवर और कोलगेट का मुकाबला कर रही हैं। एक आर्थिक दैनिक लाइवमिंट के प्रतिनि‍धि सौनक मित्रा ने उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित‍ पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड में 24 मई  2016 को बाबा रामदेव के कारोबार से संबंधित उनकी महत्वाकांक्ष‍ी योजनाओं का जायजा लिया। उन्होंने अपने उपभोक्ता उत्पादों की बिक्री के लिए पांच नहीं तो कम से कम 10 वर्षों में 1 ट्रिलियन (1 पद्म मतलब 10 लाख लाख) रुपए का लक्ष्य रखा है। 
पचास वर्षीय योग गुरु ने कंपनी 2006 में स्थापित की थी। योग केंद्र के मुख्यालय पर ही गंगा किनारे उनका कारोबारी साम्राज्य भी फैला हुआ है। 31 मार्च 2016 को पतंजलि की सकल बिक्री 5 हजार करोड़ है जिसमें वे 20 गुना बढ़ोतरी करना चाहते हैं। अगले वर्ष तक मार्च में वे बिक्री को 10 हजार करोड़ तक पहुंचाना चाहते हैं। 
 
विदित हो कि एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की भारतीय इकाई हिन्दुस्तान यूनीलीवर पब्लिक लिमिटेड कंपनी ने भारत में 1888 से काम शुरू किया था, लेकिन वह अभी तक रामदेव के लक्ष्य के एक तिहाई हिस्से को भी पूरा नहीं कर सकी है। पिछले मार्च में इसकी सकल बिक्री 32,482.72 करोड़ रुपए की थी। पतंंजलि का लक्ष्य देश के सम्पूर्ण पैकेज्ड उपभोक्ता उत्पादों के बाजार (जो कि करीब 3.2 ट्रिलियन या पद्म रुपए है) के एक तिहाई भाग पर कब्जा करना है। कंपनी का अनुमान है कि अगले पांच वर्षों तक इसकी वृद्धि प्रतिवर्ष 12 से 15 फीसदी रही है। वर्ष 2019 में यह कंपनी विभिन्न उद्योग संगठनों की राय में 6.1 पद्म (ट्रिलियन) की सकल बिक्री करने लगेगी।
 
कंपनी शैम्पू, टूथपेस्ट से लेकर नूडल्स, चावल, गेहूं, शहद और घी तक बेचती है। वर्ष 2011-12 में कंपनी की बिक्री में 11 गु्ना बढ़ोतरी हुई थी और बिक्री 446 करोड़ से पिछले वर्ष 2006 करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी। अपने आश्रम 'शांत कुटीर' में रामदेव ने कहा कि 'हम चाहे योग के क्षेत्र में हों, आयुर्वेद के क्षेत्र में या फिर कारोबार में, हम तरक्की कर सके हैं क्योंकि लोग हम पर भरोसा करते हैं। आज देश में हमें एक अरब लोग जानते हैं और सारी दुनिया जानती है। कुछ भी हो, हम अपने देशवासियों के विश्वास को कभी खोना नहीं चाहेंगे।'
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जहां पर रामदेव आगंतुकों से मिलते हैं वह कुटिया एयरकंडीशंड है, इसमें ईरानी कालीन और गद्देदार सोफा रखा हुआ है। आज रामदेव सफेद रंग की रेंज रोवर इवोक में घूमते हैं जबकि 2000 से वे आस्था टीवी चैनल पर योग के लाभों की शिक्षा देते थे। उनका कहना है कि ' कारोबार तो एक उप-उत्पाद है। ब्रांड, सम्पन्नता और लाभ सभी बाइप्रोडक्ट हैं। पंतजलि की वृद्धि 2011 से शुरू हुई जब उनके लाखों भक्तों ने उनके उत्पादों में भरोसा जताया। अगले कुछेक वर्षों में पंतजलि की छ: नए क्षेत्रों, प्राकृतिक दवाएं, प्राकृतिक कॉस्मेटिक्स, प्राकृतिक डेयरी उत्पाद और खाद्य, प्राकृतिक पशु भोजन और भोजन सहायकों, जैविक-रसायनों और जैविक कीटनाशकों और प्राकृतिक देशी बीजों के क्षेत्र में सक्रिय होंगे।
कंपनी ने मुंबई स्थित पित्ती ग्रुप को अपने उत्पादकों का राष्ट्रीय वितरक नियुक्त किया और अपोलो फार्मेसी के साथ वितरण का इंतजाम किया। किशोर बियाणी की फ्यूचर रिटेल लि. देश के 243 शहरों में पंतजलि उत्पादकों का नेटवर्क चलाती है। उन्होंने मुकेश अंबानी की रिटेल चेन रिलायंस रिटेल के साथ ही अपने उत्पादों को बेचने का भी समझौता किया है। अगले वर्ष पतंजलि चार हजार वितरकों के जरिए देश में कंपनी की दस हजार अधिकृत‍ दुकानें खोलेगी। इसके अलावा 100 पंतजलि ब्रांडेड स्टोर और सुपरमार्केट्‍स भी खोले जाएंगे।
 
पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध संचालक आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि एक बार हमारी सारी फैक्टरियां बन जाने के बाद हम करीब पांच लाख लोगों को सीधे रोजगार देंगे और बहुतों को अप्रत्यक्ष काम भी मिलेगा। रामदेव का कहना है कि इन फैक्टरियों को बनाने के लिए पंतजलि बाजार मूल्य पर सभी जगहों पर जमीन खरीद रही है। पंतजलि के विस्तार के पीछे खुद रामदेव का मार्केट अभियान है जिन्होंने टीवी चैनलों पर अपने आयुर्वेद उत्पादों के विज्ञापनों की संख्या दोगुनी कर दी है। इस काम में पंतजलि का खुद का आस्था चैनल भी लगा हुआ है।
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रामदेव का कहना है कि कंपनी के पास शोध और विकास के लिए दो सौ से अधिक वैज्ञानिक हैं लेकिन इन वैज्ञानिकों को बाहरी लोगों से मिलने नहीं दिया जाता है।
इस बारे में पतंजलि के सीनियर मैनेजर ‍विनीत गुप्ता का कहना है कि 'हम जिन नुस्खों को विकसित कर रहे हैं, उनके बारे में जानकारी नहीं दे सकते हैं।' पंतजलि की फैक्टरियों में कई बार जाने वाले एक विशेषज्ञ ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि पंतजलि मूल रूप से हर्बल क्लोन्स बनाती है। 
 
उनका कहना है कि ' यह प्रक्रिया बहु‍त सरल है। सभी ब्रांडों की शीर्ष बिक्री वाले उत्पादों को बाजार से खरीदा जाता है और पतंजलि ब्रांड्स नाम से समान उत्पादों के हर्बल फॉमुलेशन्स विकसित कर लिए जाते हैं। इनमें से ज्यादातर उत्पाद बहुराष्ट्रीय कं‍पनियों के सफल उत्पादों की नकल होते हैं।' इन सबसे बढ़कर आश्चर्य की बात यह है कि रामदेव पतंजलि के उत्पादों का मिशनरी भाव से प्रचार-प्रसार करते हैं लेकिन वे स्वयं कभी इनका उपयोग नहीं करते हैं।  

फिलहाल पंतजलि प्रतिवर्ष 150 करोड़ का पशु आहार बेचता है जिसे वे अगले वर्ष तक 1 हजार करोड़ तक करना चाहते हैं। उनकी कंपनी का जहां भारतीय आयुर्वेद से संबंधित है वहीं उनकी बिक्री और विज्ञापन की शैली बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसी है।

आम दिनोंं में रामदेव तड़के साढ़े तीन बजे जाग जाते हैं और उनका दिन करौंदे के रस के सेवन से शुरू होता है। पांच बजे वे अपने योग आश्रम-पंतजलि योगपीठ- पहुंचते हैं, जो कि शांत कुटीर से दो किमी की दूरी पर है, जहां पर लोगों के पांच दिवसीय योग सत्र चलाए जाते हैं और इनमें भाग लेने वालों को प्रतिदिन 1 हजार से लेकर 2 हजार तक रुपए चुकाने होते हैं। 
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पंतजलि की हरिद्वार के औद्योगिक क्षेत्र में 150 एकड़ से ज्यादा में फैली फैक्टरी -पदार्थ- है जिसके प्रतिदिन का काम रामदेव के छोटे भाई राम भरत या भरत भाई देखते हैं। पर पंतजलि के ज्यादातर लोगों का मानना है कि कंपनी की सफलता के पीछे एक निदेशक स्वामी मुक्तानंद का दिमाग काम करता है लेकिन उनके पते-ठिकाने की कोई जानकारी नहीं है। पतंजलि के बारे में एचएसबीसी सिक्यूरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया) प्रालि के विश्लेषक अमित सचदेवा का कहना है कि 'पंतजलि की सफलता देश में उपभोक्ता विपणन के नए नियमों को स्थापित कर रही है।' 
रामदेव जहां बहुराष्ट्रीय कंपनियों की खुलेआम खिल्ली उड़ाते हैं वहीं इन कंपनियों से जुड़े लोग मानते हैं कि उनका कारोबार प्रभावित हुआ है। पतंजलि के दंत कांति ने कोलगेट के कारोबार को प्रभावित किया है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों का कहना है कि उन्होंने पतंजलि की असाधारण ग्रोथ पर गौर किया है। हालांकि पतंजलि के कुछ उत्पादों और इसके दावों को लेकर आशंकाएं भी जाहिर की जा रही हैं। पंतजलि की फैक्टरी पर सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी फोर्स का पहरा रहता है और इसके ज्यादातर क्षेत्रों को मीडिया से दूर रखा जाता है।  
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मिंट के इस संवाददाता को फैक्टरी के कुछ हिस्सों को रामदेव की अनुमति से देखने का मौका मिला, जहां उसने यह पाया। पतंंजलि का दावा है कि वह गाय के दूध से प्राकृतिक घी (देशी घी) बनाती है लेकिन यहां पर कर्नाटक को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोडक्ट्‍स फेडरेशन लि. द्वारा बनाए गए पास्चुराइज्ड अनसाल्टेड बटर को स्थानीय गाय के दूध के साथ मिलाया जा रहा था ताकि घी बनाया जा सके।  पतंजलि का दावा है कि ग्वार पाठा रस (एलो वेरा जूस) बनाने के लिए उनकी प्रोसेसिंग और पैकेजिंग यूनिट है, लेकिन यह पल्प जैसलमेर स्थित एक कंपनी, जिसके मालिक कांग्रेस नेता रूपराम हैं, से खरीदा जाता है। 
रामदेव के दावे के ठीक उलट पतंजलि अपने कुछ उत्पादों के उत्पादन को आउटसोर्स करती है। कंपनी के बिस्किट दिल्ली स्थित सोना बिस्किट्‍स से बनकर आते हैं जो कि खुद सोबिस्को ब्रांड नाम से बिस्किट बेचती है। जूस कई कंपनियों जैसे जीके डेयरी एंड मिल्क प्रोडक्ट्‍स लि. से लिया जाता है जो कि खुद भी गोपालजी नाम से उत्पाद बेचती है। पतंजलि के जिन जूस उत्पादों के पूरी तरह से प्राकृतिक होने का रामदेव दावा करते हैं, उनमें शकर, पानी और वांछित प्रिजरवेटिक्स पाए गए हैं। हरिद्वार की ही एक कंपनी आकाश योग हेल्थ प्रोडक्ट्‍स लि., पतंजलि के लिए नूडल्स बनाने का काम करती है। इन संबंध में जब इन कंपनियों से सम्पर्क साधा गया तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया।

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