मुंबई। विनिवेशकी लिस्ट में अब दो और बैंकों का नाम जुड़ गया है। सीएनबीसी आवाज की रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का भी अब विनिवेश होगा। विनिवेश के पहले चरण में ये दोनों बैंक अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी सेल करेंगे।
केंद्र सरकार मानसून सत्र के दौरान इन दो सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए बैंकिंग नियमन अधिनियम और बैंकिंग कानून अधिनियम में संशोधन ला सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार विनिवेश के लिए बैंकिंग नियमन अधिनियम और कुछ अन्य बैंकिंग कानूनों में भी संशोधन करेगी।बैंकों के निजीकरण से ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि जिन बैंकों का निजीकरण होने जा रहा है, उनके खाताधारकों को कोई नुकसान नहीं होगा। ग्राहकों को पहले की तरह ही बैंकिंग सेवाएं मिलती रहेंगी।
दरअसल इस समय केंद्र सरकार विनिवेश पर ज्यादा ध्यान दे रही है। सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी बेचकर सरकार राजस्व को बढ़ाना चाहती है और उस पैसे का इस्तेमाल सरकारी योजनाओं पर करना चाहती है। सरकार ने 2021-22 में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।