यूनाइटेड फोरम और बैंक यूनियंस के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर ने यहां कहा कि यह एनपीए के एवज में किए गए प्रावधान के कारण है जिससे बैंकों को नुकसान हुआ और इसके लिए कोई बैंक कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। पिछले 2-3 साल में बैंक कर्मचारियों ने जनधन, नोटबंदी, मुद्रा तथा अटल पेंशन योजना समेत सरकार की प्रमुख योजनाओं को लागू करने के लिए दिन-रात काम किए। तुलजापुरकर ने कहा कि इन सबसे उन पर काम का काफी बोझ बढ़ा।
बैंक कर्मचारियों के पिछली वेतन समीक्षा में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। यह वेतन समीक्षा 1 नवंबर 2012 से 31 अक्टूबर 2017 के लिए था। यूएफबीयू 9 श्रमिक संगठनों का निकाय है। इसमें ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए) तथा नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) शामिल हैं। (भाषा)