Swati Maliwal news in hindi : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर हमले के सिलसिले में शुक्रवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के समक्ष पेश नहीं हुए। एनसीडब्ल्यू ने कुमार को सुबह 11 बजे पेश होने के लिए बुलाया था।
एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि आयोग की एक टीम गुरुवार को बिभव कुमार को नोटिस देने उनके आवास पर गई थी, लेकिन वह घर पर नहीं थे। कुमार की पत्नी ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि मेरी टीम आज फिर पुलिस के साथ उनके आवास पर गई है और अगर वह कल तक (NCW के समक्ष) पेश नहीं होते हैं, तो हम पूछताछ करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह मालीवाल से मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि हमारे मतभेदों के बावजूद, हम हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं। एक बार जब वह थोड़ा बेहतर महसूस करेंगी, तो मैं व्यक्तिगत रूप से स्वाति से मिलूंगी। मुझे उम्मीद है कि अब वह बेहतर होंगी, लेकिन मैं समझती हूं कि उन्हें इस सदमे से बाहर आने में समय लगेगा।
इस मुद्दे पर केजरीवाल की चुप्पी पर शर्मा ने कहा कि इससे पता चलता है कि उन्हें किसी चीज की परवाह नहीं है।
यह संकेत है कि वह बिभव का पक्ष ले रहे हैं। एक महिला का समर्थन करने के बजाय, वह एक अपराधी का समर्थन कर रहे हैं। वह महिलाओं के नाम पर मुफ्त चीजें बांटते हैं, लेकिन जब उनके घर में एक महिला को पीटा जाता है, तो वह आंखें मूंद लेते हैं और जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते।
शर्मा ने कहा कि एनसीडब्ल्यू भी अपनी जांच टीम भेजेगा। पुलिस पहले से ही इस मामले की जांच कर रही है।
एनसीडब्ल्यू ने मीडिया में प्रकाशित एक पोस्ट का स्वत: संज्ञान लिया, जिसका शीर्षक था 'पूर्व डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव पर उन पर हमला करने का आरोप लगाया'। इसमें उन्होंने (मालीवाल) दावा किया था कि कुमार ने मुख्यमंत्री के आवास पर उनके साथ मारपीट की।
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को मालीवाल पर कथित हमले के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की। मामले में बिभव कुमार को आरोपी बनाया गया है।
प्राथमिकी के अनुसार, कुमार ने राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल को कई बार लात और थप्पड़ मारे और मालीवाल द्वारा मदद के लिए चिल्लाने के बावजूद भी वह नहीं रुके। हमले का विवरण तब सामने आया जब मालीवाल शुक्रवार को मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुईं।