बता दें कि बिलकीस बानो मामले में दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने आठ जनवरी को 11 लोगों को दो सप्ताह के भीतर जेल वापस जाने का आदेश दिया था। पांच दोषियों ने बाद में शीर्ष अदालत का रुख कर खराब स्वास्थ्य, आसन्न सर्जरी, बेटे की शादी और फसल की कटाई सहित विभिन्न आधारों पर आत्मसमर्पण करने के लिए और अधिक समय मांगा था, लेकिन न्यायालय ने शुक्रवार को उनके आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिए कि याचिका में दिये गये कारणों में कोई दम नहीं है।
क्या कहा था कोर्ट ने : सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को खारिज करते हुए टिप्पणी की थी कि याचिकाकर्ता राधेश्याम भगवानदास शाह ने मई 2022 का फैसला प्राप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ के समक्ष धोखाधड़ी की और तथ्यों को छुपाया था। SC पीठ ने कहा था कि शाह ने सुप्रीम कोर्ट से संपर्क कर स्पष्टता मांगी थी कि किस राज्य को छूट पर निर्णय लेने का अधिकार है? महाराष्ट्र जहां ट्रायल हुआ या गुजरात जहां घटनाएं/अपराध हुआ उसने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि गुजरात और महाराष्ट्र के दो उच्च न्यायालयों ने पूरी तरह से अलग-अलग विचार दिए थे।
Edited By navin rangiyal