Rahul Gandhi again raised issue of caste census: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दावा किया कि भाजपा संविधान पर हमला कर रही है। उन्होंने भाजपा पर निर्वाचन आयोग, नौकरशाही और केंद्रीय एजेंसियों जैसी संस्थाओं को नियंत्रित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोई भी ताकत जाति आधारित गणना और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने से नहीं रोक सकती।
कांग्रेस ने बिना पैसे चुनाव लड़ा : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह निर्वाचन आयोग, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग, नौकरशाही और न्यायपालिका को नियंत्रित कर रही है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा भी निधियों और संस्थानों को नियंत्रित करती है, लेकिन हमारे पास ईमानदारी है। कांग्रेस ने बिना पैसे के लोकसभा चुनाव लड़ा था।
गांधी ने कहा कि जाति आधारित गणना सामाजिक एक्स-रे पाने का एक माध्यम है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि, मीडिया और न्यायपालिका के समर्थन के बिना भी कोई ताकत जाति आधारित गणना और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने से नहीं रोक सकती। मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अक्सर दोहराते हैं कि वह संविधान का सम्मान करते हैं, लेकिन वास्तव में वह इसे खोखला बना रहे हैं। ALSO READ: राहुल गांधी और कमलनाथ की मुलाकात से राजनीतिक गलियारों में खलबली, क्या मिलने वाली है बड़ी जिम्मेदारी
आदिवासियों की विरासत को नष्ट कर रही है भाजपा : गांधी ने कहा कि भाजपा आदिवासियों को आदिवासी की जगह वनवासी कहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा आदिवासियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इतिहास, प्राचीन परंपरा और हजारों साल पुरानी चिकित्सा पद्धतियों को नष्ट करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हमारी शिक्षा प्रणाली हमें मूल निवासियों के बारे में सिखाने में विफल रही है और भाजपा आदिवासियों, किसानों और ओबीसी के इतिहास को नष्ट कर रही है।
गांधी ने आरोप लगाया कि ओबीसी हाशिए पर हैं क्योंकि नौकरशाही में शीर्ष 90 आईएएस अधिकारियों में केवल तीन ओबीसी अधिकारी हैं, जबकि वित्त मंत्रालय समेत कहीं भी प्रमुख पदों पर कोई भी दलित या आदिवासी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि कोई भी दलित, आदिवासी या ओबीसी 250 कॉर्पोरेट फर्मों के शीर्ष प्रबंधन या बॉलीवुड में प्रमुख स्थानों पर नहीं है। गांधी ने कहा कि देश में दलितों और आदिवासियों की आबादी क्रमशः 15 प्रतिशत और 8 प्रतिशत है जबकि ओबीसी की आबादी लगभग 50 प्रतिशत है।
पूंजीपतियों के पास देश की 40 फीसदी पूंजी : उन्होंने आरोप लगाया कि अदाणी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों को अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया, लेकिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया गया क्योंकि वह एक आदिवासी हैं। गांधी ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि उसने नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रपति को इसलिए प्रवेश नहीं दिया क्योंकि वह एक आदिवासी हैं। उन्होंने दावा किया कि देश के 50 प्रतिशत गरीब लोग 60 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं, जबकि एक प्रतिशत पूंजीपतियों ने भारत की 40 प्रतिशत पूंजी जमा कर ली है।
गांधी ने कहा कि संविधान और मनु की विचारधारा के बीच वर्षों से लड़ाई चल रही है। उन्होंने कहा कि अब सबसे महत्वपूर्ण बात हमारे संविधान की रक्षा करना है। विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद गांधी का झारखंड का यह पहला दौरा है। राज्य में विधानसभा चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होंगे और मतगणना 23 नवंबर को होगी।
इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इंडिया गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेगा और कांग्रेस तथा झामुमो 81 में से 70 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। उन्होंने कहा कि शेष 11 सीट के लिए गठबंधन सहयोगियों राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वामपंथी दलों के साथ सीट-बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है। (भाषा/वेबदुनिया)