उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने सीएए कानून को लेकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की और कुछ नेताओं ने भी इस बारे में काफी शोर-शराबा किया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि राजनीतिक हो-हल्ला मचाने वाले नेता राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को नहीं समझते। क्या वे जानते हैं कि अफगानिस्तान में एक समय 50 हजार से अधिक सिख परिवार थे, जो अब सिर्फ और सिर्फ 2,000 रह गए हैं। वे सिख भाई कहां जाएंगे? जो सिख भाई भारत आ गए, वे क्या करेंगे?