महिला आरक्षण पर कैबिनेट की मुहर, विशेष सत्र में लाया जा सकता है बिल

सोमवार, 18 सितम्बर 2023 (22:46 IST)
Women Reservation Bill news: केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने सोमवार को कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है। मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सिर्फ (नरेन्द्र) मोदी सरकार के पास महिला आरक्षण की मांग को पूरा करने का नैतिक साहस है, जो मंत्रिमंडल की मंजूरी से साबित हो गया है। नरेन्द्र मोदी जी को बधाई और मोदी सरकार को बधाई।
 
पटेल, केन्द्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री हैं। संसद के 5 दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन की बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सोमवार शाम बैठक हुई। करीब 90 मिनट तक चली मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की।

 
पटेल ने बाद हटाई पोस्ट : केन्द्रीय मंत्री पटेल ने सोमवार को कहा कि मंत्रिमंडल ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है, लेकिन उन्होंने एक घंटे के भीतर ही अपना यह पोस्ट सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर हटा दिया। मंत्रिमंडल की बैठक में क्या चर्चा हुई, इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है, लेकिन ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसमें महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी गई है। सरकारी सूत्रों ने पहले संकेत दिया था कि मंत्रिमंडल ने विधेयक को मंजूरी दे दी है और उसे संसद में पेश किए जाने की संभावना है।
 
हालांकि संसद के नए भवन में मंगलवार को होने वाली सदन की बैठक में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया जाएगा या नहीं इस संबंध में सवाल करने पर सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इसे संसद में पेश किया जा सकता है।
 
राहुल गांधी ने किया समर्थन : इस बीच, कांग्रेस ने भी महिला आरक्षण बिल का समर्थन की घोषणा कर दी है। राहुल गांधी ने कहा कि सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इसका समर्थन करना चाहिए। राहुल ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन करेंगे। इससे कुछ समय पहले ही कांग्रेस ने विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल लाने की मांग की थी। 
 
फैसले का स्वागत : कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने संबंधी खबर का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि सर्वदलीय बैठक में इस पर चर्चा कर आम सहमति बनाई जा सकती थी। राहुल गांधी ने भी महिला आरक्षण विधेयक का स्वागत किया है। 
 
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उनका दल लंबे समय से इस विधेयक को पारित करने की मांग कर रहा है। उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है। हम केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले से जुड़ी खबर का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
 
रमेश ने कहा कि विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे की राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी। उन्होंने अपने एक पुराने पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें महिला आरक्षण विधेयक की पृष्ठभूमि का हवाला दिया गया था।
 
उन्होंने कहा था कि सबसे पहले राजीव गांधी ने 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था। वह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया था, लेकिन सितंबर 1989 में राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था।
 
रमेश के अनुसार, अप्रैल 1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्ह राव ने पंचायतों और नगर निकायों में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया था। दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए। आज पंचायतों और नगर निकायों में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं। यह आंकड़ा 40 प्रतिशत के आसपास है।
 
कांग्रेस नेता ने कहा था कि महिलाओं के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में एक-तिहाई आरक्षण के वास्ते तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने संविधान संशोधन विधेयक लाया था। विधेयक नौ मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ था, लेकिन लोकसभा में नहीं ले जाया जा सका।
 
उन्होंने कहा कि राज्यसभा में पेश/पारित किए गए विधेयक समाप्त नहीं होते हैं। इसलिए महिला आरक्षण विधेयक अभी भी मौजूद है। कांग्रेस पार्टी पिछले 9 साल से मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक, जो पहले ही राज्यसभा से पारित हो चुका है, उसे लोकसभा से भी पारित कराया जाना चाहिए। (एजेंसी/वेबदुनिया)

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