योग के फायदों को रेखांकित करते हुए मांडविया ने कहा कि एक विकसित राष्ट्र के निर्माण के लिए देश के हर नागरिकों का स्वस्थ होना जरूरी है। योग तन एवं मन और विचार एवं क्रिया के मेल का प्रतीक है। यह एक समग्र दृष्टिकोण है, जो स्वास्थ्य एवं कुशलक्षेम के लिए महत्वपूर्ण है। योग केवल व्यायाम नहीं है, यह अपने आप में दुनिया एवं प्रकृति के साथ जुड़ाव के भाव को तलाशने का एक तरीका है।
उन्होंने कहा कि दुनिया ने समय-समय पर हमारी संस्कृति एवं परंपरा को स्वीकार किया है। योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है, जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। हमारे महान दूरदर्शी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सबसे पहले (संयुक्त राष्ट्र) महासभा के 69वें सत्र में अपने संबोधन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव रखा था। यह उन्हीं के प्रयासों का नतीजा था कि महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाए जाने की घोषणा की।