सरकार ने वापस भेजा न्यायमूर्ति जोसेफ का नाम, कोलेजियम करें पुनर्विचार

गुरुवार, 26 अप्रैल 2018 (14:44 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय की कोलेजियम (न्यायाधीशों की समिति) से कहा कि न्यायमूर्ति के एम जोसेफ को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने की अपनी सिफारिश पर पुन : विचार करे। 
 
यह घटनाक्रम वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने की कोलेजियम की सिफारिश स्वीकार करने और उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ के मामले में निर्णय स्थगित रखने की कार्यवाही के बाद का है।
 
न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं देने के सरकार के निर्णय पर तीव्र प्रतिक्रिया हुई है और उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इसे परेशानी वाला बताया है।

उच्चतम न्यायालय की कोलेजियम ने 10 जनवरी को न्यायमूर्ति जोसेफ और सुश्री इन्दु मल्होत्रा को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी।
 
अब बहुत हो चुका : उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश पद पर नियुक्ति के लिए न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ के नाम को सरकार द्वारा मंजूरी नहीं दिए जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि क्या न्यायपालिका कहेगी कि अब बहुत हो चुका। 
 
राष्ट्रपति कोविंद से हस्तक्षेप की मांग : माकपा ने उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए कोलेजिम द्वारा संस्तुत न्यायमूर्ति के एम जोसेफ़ के नाम पर केंद्र सरकार की मंज़ूरी को लंबित रखने पर आपत्ति जताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से हस्तक्षेप की मांग की है। 
 
माकपा पोलित ब्यूरो के आज जारी बयान में सरकार के इस रूख को न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में अनावश्यक दखल बताते हुए कहा गया है कि इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित होगी। 

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