जाने-माने पत्रकार और पूर्व सांसद चंदन मित्रा का गुरूवार सुबह 66 साल की उम्र में निधन हो गया। वह लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। अपने खराब स्वास्थ्य के चलते उन्होंने एक निजी अखबार में संपादक के पद से इस्तीफा दे दिया था। बीमार के चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। उनके निधन की खबर बेटे ने ट्विट कर साझा की। वह लंबे समय तक भाजपा के सदस्य रहें। 2018 में पार्टी से इस्तीफा देकर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उनके मौत की खबर सुनते ही राजनीति जगत में भी दुख की लहर दौड़ गईं। वरिष्ठजनों ने उन्हें याद कर सोशल मीडिया पर दुख व्यक्त किया।
चंदन मित्रा का जन्म पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हुआ था। शुरू से ही उनकी राजनीति पर पकड़ अच्छी रही। वह राजनीति के अच्छे ज्ञाता रहे हैं। राजनीति के साथ ही एक अच्छे पत्रकार के रूप में भी अपनी पहचान रखते थे। 2003 अगस्त से 2009 अगस्त तक के लिए राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। जून 2010 में मप्र में भी एक कार्यकाल के लिए उन्हें कमांड संभाली थी। 2018 में ही चंदन मित्रा टीएमसी में शामिल हो गए थे। वह आडवाणी जी के करीबी माने जाते थे।
''मैंने इस्तीफा दे दिया है''
भाजपा को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से कहा था 'मैंने इस्तीफा दे दिया है, मैं किस पार्टी के साथ जाऊंगा और कब इस पर फैसला नहीं किया है।'' अपने बात बेबाकी से रखने वाले चंदन मित्रा के पास कुछ मामूली जिम्मेदारियां ही बची थी। क्योंकि पार्टी में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का दबदबा बढ़ गया था।