सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की लिस्ट जारी, SC जज बनाने के लिए 9 नामों की सिफारिश
बुधवार, 18 अगस्त 2021 (22:24 IST)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने सर्वोच्च अदालत में न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए केंद्र को 9 नामों की सिफारिश की है जिनमें उच्च न्यायालय की 3 महिला न्यायाधीशों के नाम शामिल हैं।
न्यायालय ने एक बयान में कहा कि कॉलेजियम ने 17 अगस्त को हुई अपनी बैठक में सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए विभिन्न उच्च न्यायालयों के चार मुख्य न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की है। उनके अलावा कॉलेजियम ने कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना, केरल उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सी टी रवि कुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी के नामों की भी सिफारिश की है।
कॉलेजियम ने बार से सीधी नियुक्ति के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा के नाम की सिफारिश की है। अगर उनके नाम को मंजूरी मिलती है तो वह ऐसे छठे वकील होंगे।
जिन चार मुख्य न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की गयी हैं उनमें न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका (कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश), न्यायमूर्ति विक्रम नाथ (गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश), न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी (सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश) और तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली शामिल हैं।
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन के 12 अगस्त को सेवानिवृत्त हो जाने के बाद उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या कम होकर 25 हो गयी जबकि सीजेआई समेत न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है। बुधवार को एक और पद रिक्त हो रहा है और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 19 मार्च 2019 को तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की सेवानिवृत्ति के बाद शीर्ष न्यायालय में कोई नियुक्ति नहीं हुई। पांच सदस्यीय कॉलेजियम में न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव भी शामिल हैं। अगर इन सिफारिशों को मंजूर कर लिया जाता है तो शीर्ष न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 33 हो जाएगी।
तो भारत को मिल सकती है पहली महिला सीजेआई : सुप्रीम के कॉलेजियम ने एक अभूतपूर्व निर्णय के तहत तीन महिला न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय में नियुक्त करने की सिफारिश की है और अगर इसे मंजूरी दी जाती है तो न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना 10 फरवरी 2027 को भारत की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बन सकती हैं। 26 जनवरी 1950 को गठित उच्चतम न्यायालय में अब तक काफी कम संख्या में महिला न्यायाधीश नियुक्त हुई हैं और पिछले 71 वर्षों में केवल आठ महिला न्यायाधीश की नियुक्ति हुई है।
सबसे पहले एम. फातिमा बीबी 1989 में उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बनी थीं। वर्तमान में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी एकमात्र महिला न्यायाधीश हैं जो सुप्रीम कोर्ट में सेवारत हैं। वे 7 अगस्त 2018 को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से पदोन्नत होकर उच्चतम न्यायालय आई थीं।
न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना के अलावा गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली के नाम की भी सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है। (भाषा)