नई दिल्ली। देश में लागू लॉकडाउन के बीच सेना के वीरता पुरस्कार अधिकारी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उनके परिजन 2 हजार किलोमीटर से अधिक दूरी का सफर सड़क के रास्ते तय कर रहे हैं। दिवंगत अधिकारी के परिवार के एक सदस्य ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि कैंसर से पीड़ित शौर्य चक्र विजेता कर्नल एनएस बाल का गुरुवार को बेंगलुरु के एक अस्पताल में निधन हो गया था।
दिवंगत अधिकारी के भाई नवतेज सिंह बाल के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अमृतसर से शुरू हुई परिवार की यात्रा के बारे में लिख रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया था, फिलहाल मेरे परिजन दिल्ली में हैं और अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बेंगलुरु जाने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं।
उन्होंने दोबारा ट्वीट किया, सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद! हम वडोदरा पहुंचने वाले हैं। सुरक्षाबलों की ओर से रास्ते में बहुत मदद और सहयोग मिला है। अगर सबकुछ सही रहा तो हम कल रात बेंगलुरु पहुंच जाएंगे।
वहीं शनिवार को नवतेज सिंह बाल ने ट्वीट किया, ताजा जानकारी। हम बेंगलुरु से 650 किलोमीटर दूर हैं। पुलिस और सुरक्षाबलों की ओर से बहुत सहयोग मिल रहा है। हर कोई आगे आकर कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए शानदार काम कर रहा है।भारत में कोरोना वायरस के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू है।
सेना के कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों ने इस बात पर अफसोस जताया है कि इतने अलंकृत अधिकारी के परिजन को अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के सड़क के रास्ते इतना लंबा सफर तय करना पड़ रहा है।
पूर्व सेना प्रमुख (सेवानिवृत्त) वीपी मलिक ने कर्नल बाल के भाई की पोस्ट पर जवाब देते हुए ट्वीट किया, विनम्र संवेदना! आपकी यात्रा शुभ रहे। भारत सरकार की ओर से कोई मदद न मिलना दुखद। नियम कोई पत्थर की लकीर नहीं। विशेष परिस्थितियों में उनमें संशोधन किया जा सकता है या बदला जा सकता है।(भाषा)