विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री महाकाल लोक को बाबा महाकाल को समर्पित करेंगे। लोकार्पण कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 05.30 बजे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेंगे। उज्जैन पहुंचने पर प्रधानमंत्री पहले महाकाल बाबा के गर्भगृह में पूजन अर्चना करेंगे।
प्रधानमंत्री करीब 40 मिनट तक महाकालेश्वर मंदिर में रहेंगे। इसके बाद शाम 06.25 मिनट पर प्रधानमंत्री महाकाल प्रोजेक्ट के नंदी द्धार पहुंचेगे। प्रधानमंत्री महाकाल लोक का लोकार्पण और अवलोकन करेंगे। महाकाल मंदिर से शाम 07.10 बजे प्रधानमंत्री कार्तिक मेला ग्राउंड में पहुंचेगे। कार्तिक मेला ग्राउंड उज्जैन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा होगी।
क्या है श्री महाकाल लोक?- संपूर्ण महाकाल परिर को अब श्री महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा। दो चरणों में हो रहे महाकाल लोक के निर्माण कार्य का 856 करोड रुपए की लागत आने का अनुमान है। योजना के प्रथम चरण में 350 करोड़ रूपये की लागत से भगवान श्री महाकालेश्वर के आँगन में छोटे और बड़े रूद्रसागर, हरसिद्ध मंदिर, चार धाम मंदिर, विक्रम टीला आदि का विकास किया गया है। जिसमें महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिड-वे झोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डैक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स और गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स का कार्य शामिल हैं।
महाकाल कॉरिडोर के प्रथम घटक में पैदल चलने के लिए उपयुक्त 200 मीटर लम्बा मार्ग बनाया गया है। इसमें 25 फीट ऊँची एवं 500 मीटर लम्बी म्युरल वॉल बनाई गई है। इसके साथ ही 108 शिव स्तंभ, शिव की विभिन्न मुद्राओं सहित निर्मित हो चुके हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रहे हैं। इन स्तंभों में भगवान शिव के आनंद तांडव स्वरूप को दर्शाया गया है। महाकाल पथ के किनारे भगवान शिव को दर्शाने वाली धार्मिक मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। पथ के साथ दीवार चित्र शिव पुराण की कहानियों पर आधारित हैं। खास बात यह है कि महाकाल लोक में जितनी बिजली खर्च होगी उसकी 90% वही बनेगी।
कितना भव्य श्री महाकाल परिसर?-महाकाल मंदिर का परिसर जो पहले 2.82 हेक्टेयर में था वह अब पहले चरण का कार्य पूरा होने के बाद 20.23 हेक्टेयर का हो गया है। इसमें 900 मीटर का महाकाल पथ है। महाकाल पथ के 900 मीटर लंबी और 25 फीट ऊंची लाल पत्थर की दीवारों पर शिव महापुराण में उल्लेखित घटनाओं को विचित्र के रूप में दिखाया गया है। श्री महाकाल लोक का 26 फीट ऊंचा नंदी द्धार विशेष आकर्षण का केंद्र है।
श्री महाकाल लोक में महाकाल संकुल को पूर्णतया शिवमय सजाया गया है। इसमें कमल कुंड,सप्त ऋषि मंडल, शिव स्तंभ, मुक्ताकाश रंगमंच का निर्माण प्रमुख है। इसमें 50 डायमीटर का कमल कुंड,54 फीट ऊंचा पंचमुखी शिव स्तंभ, 20 फीट ऊंचा सप्तऋषि प्लाज़ा,26 फीट ऊंचा नंदी द्वार और 18 हजार 600 वर्ग फीट क्षेत्र का त्रिवेणी मंडपम महाकाल मंदिर को भव्यता प्रदान करता है।
वहीं पुराण प्रसिद्ध रुद्र सागर के तट के विकास के साथ त्रिवेणी संग्रहालय का एकीकरण कर चारों ओर हरियाली भरा वातावरण बनाया गया है। श्री महाकाल लोक के 111 फीट लंबे कॉरिडोर को शिव विवाह के वृतांत को प्रदर्शित करते हुए मोरल पेंटिंग पेंटिंग प्रदर्शित की गई है।
श्री महाकाल लोक में स्थापित मूर्तियां- महाकाल लोक में स्थापित मूर्तियां उसको भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। श्री महाकाल लोक के नाइट गार्डन में भगवान शिव की लीलाओं पर आधारित 190 मूर्तियां स्थापित की गई है। परिसर में 108 स्तंभ स्थापित किए गए हैं, जिन पर भगवान शिव एवं उनके गणों की विचित्र मुद्राएं बनी हुई है।
18 फीट की 8 प्रतिमाएं-श्री महाकाल लोक में 18 फीट ऊंची 8 प्रतिमाएं स्थापित की गई है। इसमें नटराज, शिव पुत्र गणेश और कार्तिकेय, दत्तात्रेय अवतार,पंचमुखी हनुमान, चंद्रशेखर महादेव की कहानी शिव और सती,समुद्र मंथन के दृश्य शामिल है।
15 फीट ऊंची 23 प्रतिमाएं-वहीं भव्य महाकाल लोक में 15 फीट ऊंची 23 प्रतिमाएं है। जिनमें शिव नृत्य, 11 रुद्र, महेश्वर अवतार, अघोर अवतार, काल भैरव, शरभ अवतार, खंडोबा अवतार, वीरभद्र द्वारा दक्ष वध, शिव बारात, मणिभद्र गणेश व कार्तिकेय के साथ पार्वती, शिव, कपाल मोचक शिव शामिल है। 11 फीट की 17 प्रतिमाएं- श्री महाकाल लोक परिसर में प्रवेश द्वार पर श्री गणेश, अर्धनारीश्वर, अष्ट भैरव, ऋषि भारद्वाज, वशिष्ठ विश्वामित्र, गौतम कश्यप, जमदग्री शामिल हैं। 10 फीट की 8 प्रतिमाएं-इन मूर्तियों में लेट गणेश, हनुमान शिव अवतार, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, लुकलेश, पार्वती के साथ खेलते गणेश की प्रतिमा शामिल है।
विकास की नई राह खोलेगा श्री महाकाल लोक-श्री महाकाल लोक के विकास का लाभ उज्जैन के साथ संपूर्ण मालवा क्षेत्र को मिलेगा। उज्जैन के साथ मालवा अंचल के पर्यटक और श्रद्धालु संख्या बढ़ने से आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी। इसके साथ इंदौर से उज्जैन का बेहतर संबंध स्थापित होगा। इसके अलावा उज्जैन की हवाई पट्टी के विस्तार और इंदौर एयरपोर्ट पर विमानों के आने-जाने की संख्या में वृद्धि से संपूर्ण मालवा क्षेत्र के आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व में भी काफी वृद्धि होगी।