नई दिल्ली। कांग्रेस ने अगले आम चुनाव के लिए जीत की हुंकार भरते हुए कहा है कि ये दो विचारधाराओं की लड़ाई है और वह समान विचारों वाले दलों को साथ लेकर भाजपा को सत्ता से उखाड़ देगी। कांग्रेस के यहां सम्पन्न तीन दिवसीय महाधिवेशन में मोदी सरकार पर अर्थव्यवस्था को तबाह करने, लोगों की भावनाओं से खेलने और समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा गया कि वह आंतरिक और बाह्य सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने में भी पूरी तरह असफल रही है।
पार्टी ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोगों से किए गए वादे सत्ता में आने की 'ड्रामेबाजी' थी। किसानों और बेरोजगार युवाओं से उन्होंने जो वादे किए वे सिर्फ जुमले साबित हुए हैं। महाधिवेशन में पारित राजनीतिक प्रस्ताव से कांग्रेस ने साफ कर दिया कि वह भाजपा और आरएसएस को हराने के लिए समान विचारधारा वाले दलों से हाथ मिलाएगी और इसके लिए साझा कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि ये दो विचारधाराओं की लड़ाई है और अगले आम चुनाव में कांग्रेस की विचारधारा की ही जीत होगी।
उन्होंने भाजपा और आरएसएस की तुलना कौरवों और कांग्रेस की तुलना पांडवों से करते हुए कहा कि उनके पास धनबल और संख्याबल है और वे सत्ता हथियाने की लड़ाई लड़ रहे जबकि कांग्रेस हमेशा सच की लडाई लडती है। हजारों सालों के बाद एक बार फिर कुरुक्षेत्र जैसी स्थिति बनी है और इसमें भी जीत सच की ही होगी। गांधी ने कहा कि भाजपा एक के बाद एक चुनाव हारती जा रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब लगने लगा कि गुजरात विधानसभा चुनाव तो किसी तरह निकल गया लेकिन 2019 में फंस जाएंगे।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अगले आम चुनाव के लिए कमर कसने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें यह दिखाना है कि पार्टी चुनाव कैसे लड़ती है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात चुनाव और लोकसभा की कुछ सीटों के हाल के उपचुनावों ने यह साबित कर दिया है कि जो लोग कांग्रेस का अस्तित्व मिटाना चाहते हैं उन्हें यह अंदाजा नहीं है कि पार्टी के प्रति लोगों में कितना गहरा लगाव है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा के आगामी चुनाव में कांग्रेस को एक बार फिर ऐसा प्रदर्शन करना है जिससे देश को नई दिशा मिले।
सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार सत्ता के अहंकार में मदमस्त है और कांग्रेस को तबाह करने की लगातार कोशिश कर रही है लेकिन कांगेस सत्ता के अहंकार के आगे न कभी झुकी है और न झुकेगी। इस 84वें महाधिवेशन में पारित आर्थिक प्रस्ताव में पार्टी ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर को गलत ढंग से लागू करने के कारण देश की अर्थव्यवस्था तबाही की ओर है और आम जनता का जीवन दुश्वार हो गया है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था रिकॉर्ड विकास दर के साथ आगे बढ़ रही थी लेकिन मोदी सरकार की नीतियों, कुप्रबंधन और दुस्साहसी कदमों से आज यह खस्ताहाल में पहुंच गई है। मोदी सरकार ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की मंदी ओर कच्चे तेल के दामों में गिरावट से मिला मौका भी खो दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी और भाजपा की आर्थिक नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इससे अर्थव्यवस्था तहस -नहस हो गई है जिससे वंचितों, गरीबों, किसानों, असंगठित क्षेत्र के कामगारों और युवाओं को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
महाधिवेशन में कृषि, रोजगार और गरीबी उन्मूलन पर पारित प्रस्ताव में देश में कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व संकट की बात कही गई है और किसानों का कर्ज माफ करने, बटाईदारों को ब्याजमुक्त कर्ज देने तथा युवाओं और ग्रामीण महिलाओं के लिए खासतौर पर रोजगार के अवसर बढ़ाने का संकल्प जताया गया है। पार्टी ने विदेश नीति पर भी प्रस्ताव पारित किया जिसमें मोदी सरकार की विदेश नीति को दोषपूर्ण करार देते हुए कहा गया है कि इससे विश्व में देश की छवि खराब हुई है।
पार्टी ने ठोस राष्ट्रीय सहमति के आधार पर देश के हितों के अनुरूप विदेश नीति अपनाने का संकल्प व्यक्त किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी को फिर सत्ता में लाने के लिए संगठन में बदलाव करने की बात कही जिसमें अंतिम कार्यकर्ता को भी तवज्जो दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस को नेहरू, गांधी, पटेल, मौलाना आजाद जैसे नेताओं के समय की पार्टी बनाने के लिए काम करेंगे जिसमें प्रतिभावान युवाओं को मौका दिया जाएगा। महाधिवेशन में देशभर से पार्टी के हजारों प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। (वार्ता)