4 राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिले भाजपा से ज्यादा वोट

Assembly Elections 2023: इसमें कोई संदेह नहीं कि चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 3 राज्यों में पूरी ताकत के साथ सत्ता हासिल कर ली। कांग्रेस के 'हाथ' से राजस्थान और छत्तीसगढ़ फिसल गए। लेकिन, कांग्रेस तेलंगाना में बहुमत हासिल करने में सफल रही है। यदि चारों राज्यों के वोट मिला लिए जाएं तो यह आंकड़ा चौंका सकता है। क्योंकि कुल वोट शेयर के मामले में कांग्रेस आगे है। कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले करीब 9 लाख 44 हजार ज्यादा वोट मिले हैं। कांग्रेस इस आंकड़े से खुश हो सकती है, लेकिन ताकत उसी के पास होती है, जिसके पास सत्ता होती है। 
 
मध्यप्रदेश में भाजपा की वापसी : यदि 230 सीटों वाले राज्य मध्य प्रदेश की ही बात करें तो भाजपा ने यहां कांग्रेस के मुकाबले लगभग दोगुना सीटें ज्यादा जीती हैं। यदि वोट शेयर की बात करें तो भाजपा को 48.55 फीसदी वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 4040 प्रतिशत वोट मिले। यह अंतर काफी बड़ा है। क्योंकि पिछले चुनाव में यानी 2018 में भाजपा का वोट प्रतिशत कांग्रेस की तुलना में ज्यादा था, जबकि सीटें कांग्रेस की ज्यादा थीं। तब कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी। जहां तक वोट शेयर की बात है तो इस बार भाजपा को 2 करोड़ 11 लाख 16 हजार 197 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 1 करोड़ 75 लाख 71 हजार 582 वोट मिले। भाजपा को यहां 166 मिली हैं, जबकि कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट गई। एक सीट अन्य के खाते में गई है। 
 
कांग्रेस के 'हाथ' से फिसला राजस्थान : कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में भी कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी। यहां भाजपा को 115 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस 69 सीटों से आगे नहीं बढ़ पाई। 14 सीटें अन्य उम्मीदवार जीतने में सफल रहे। जहां तक वोटों की बात है तो कांग्रेस को 1 करोड़ 56 लाख 67 हजार 947 वोट मिले, जबकि भाजपा को 1 करोड़ 65 लाख 24 हजार 787 वोट मिले। वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस 39.53 फीसदी वोट मिले, जबकि भाजपा को 41.69 प्रतिशत वोट मिले। राजस्थान में यह अंतर अन्य राज्यों के मुकाबले कम है। हालांकि हार तो हार ही है। 
छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस धराशायी : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सीटों के मामले में पिछले चुनाव के मुकाबले लगभग आधी सीटों यानी 35 सीटों पर सिमट गई। भाजपा 54 सीटें जीतकर यहां सरकार बनाने जा रही है। 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस को 66 लाख 2 हजार 586 वोट मिले, जबकि भाजपा के खाते में 72 लाख 34 हजार 968 वोट दर्ज हुए। वोट प्रतिशत का जहां तक मामला है तो दोनों के बीच करीब 4 फीसदी का अंतर है। 
 
तेलंगाना ने रखी लाज : दक्षिण के राज्य तेलंगाना में कांग्रेस ने बहुमत हासिल कर लिया है। यहां कांग्रेस को 64 सीटें मिली हैं, जबकि भाजपा को 8 सीटें मिली हैं। भाजपा का यह प्रदर्शन पिछले चुनाव के मुकाबले काफी अच्छा है। केसीआर की सत्तारूढ़ बीआरएस यहां 39 सीटें ही जीत पाई, जो कि पिछले चुनाव के मुकाबले आधी से भी कम है। 
 
कांग्रेस को तेलंगाना में 92 लाख 35 हजार 792 वोट मिले, जबकि भाजपा को 32 लाख 57 हजार 511 वोट मिले। भाजपा को यहां करीब 14 फीसदी वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 39 फीसदी के लगभग वोट मिले। कांग्रेस के वोटों का आंकड़ा जो बढ़ा हुआ दिख रहा है, वह सिर्फ तेलंगाना के कारण है, जहां भाजपा का जनाधार नहीं के बराबर है। फिर भी भगवा पार्टी ने पिछले चुनाव के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया है। 
 
क्या कहा जयराम और सुप्रिया ने : तीन राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्‍वीट कर कहा कि यह सच है कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक और अपनी उम्मीदों से काफी नीचे था। लेकिन, वोट शेयर एक ऐसी कांग्रेस की कहानी बताते हैं जो भाजपा से बहुत पीछे नहीं है। यही आशा और खुद को मजबूत बनाने का कारण भी है। 
 
कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत का ट्‍वीट भी कुछ इसी तरह की कहानी बयां कर रहा है। उन्होंने कहा- इस देश ने 4 राज्यों में कांग्रेस को भाजपा से 10 लाख ज्यादा वोट दिए और जिन राज्यों में भाजपा जीती वहां भी हमें औसतन 40% से ऊपर लोगों ने अपना वोट दिया। दोनों ही ट्‍वीट मन समझाने के लिए अच्छे हैं क्योंकि आंकड़ेबाजी से हकीकत को नहीं बदला जा सकता। (आंकड़े और ग्राफ चुनाव आयोग की वेबसाइट से साभार)
 

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