रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, नॉन-बायलॉजिकल प्रधानमंत्री ने आठ साल पहले नोटबंदी करके अर्थव्यवस्था को ठप कर दिया था। उनके तमाम दावों के विपरीत ऐसा लगता है कि इन वर्षों में नकली नोट फिर से प्रचलन में आ गए हैं। उन्होंने दावा किया, वर्ष 2018-19 और 2023-24 के बीच पकड़े गए नए सीरीज के 500 रुपए के नकली नोटों की संख्या लगभग चार गुना हो गई है। 2020-21 के बाद से 2,000 रुपए के नकली नोटों की संख्या तीन गुना हो गई थी।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, भले ही सरकार दावा कर सकती है कि पकड़े गए नकली नोटों की कुल संख्या में कमी आई है लेकिन यह महज़ दिखावा है। नकली नोटों का चलन तेजी से उच्च मूल्य वाले नोटों की ओर बढ़ा है। इनमें वे नोट भी शामिल हैं जो विशेष रूप से नोटबंदी के बाद शुरू किए गए थे।
उन्होंने कहा, बढ़ी हुई नकली नोटों की यह स्वीकारोक्ति नॉन-बायलॉजिकल प्रधानमंत्री द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान काले धन के व्यापक प्रचलन की चौंकाने वाली स्वीकारोक्ति के तुरंत बाद आई है। आप सभी को याद होगा तब उन्होंने अपने प्रिय ए1 और ए2 पर काले धन से भरे टेम्पो और बोरी रखने का आरोप लगाया गया था। रमेश ने कहा, सोचने वाली बात है कि यदि न तो कालेधन और न ही जाली नोटों पर अंकुश लगा है, तो नोटबंदी से क्या हासिल हुआ? (भाषा)
Edited By : Chetan Gour