सत्तारूढ़ कांग्रेस 21 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। हालांकि पिछले चुनाव की तुलना में उसने आठ कम सीटें जीतीं। एनपीपी 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। एनपीपी केंद्र एवं मणिपुर में भाजपा की सहयोगी है। संगमा ने यहां राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि हम राज्यपाल से मिले और 34 विधायकों के समर्थन का पत्र दिया जिनमें एनपीपी के 19, यूनाईटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के छह, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के चार, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) एवं भाजपा के दो-दो विधायक और एक निदर्लीय विधायक शामिल हैं।
एनपीपी नेता पूर्व लोकसभा अध्यक्ष दिवंगत पीए संगमा के सबसे छोटे बेटे हैं। कोनराड अपने पिता के निधन के बाद तुरा सीट के उपचुनाव में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। गठबंधन सरकार चलाने की चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर 40 वर्षीय नेता ने कहा कि यह आसान काम नहीं है। लेकिन हमारा समर्थन कर रहे दल लोगों एवं राज्य के कल्याण के लिए काम करने की खातिर प्रतिबद्ध हैं। हम एक समान एजेंडे पर काम करेंगे।’ मेघालय में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव हुए थे और 3 मार्च को उसके नतीजे आए। पिछले चुनाव में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही भाजपा के खाते में इस बार दो सीटें गई। राज्य विधानसभा की 59 सीटों के लिए ही चुनाव हुआ था क्योंकि आईईडी विस्फोट में राकांपा के एक उम्मीदवार के मारे जाने के बाद एक सीट पर चुनाव रद्द कर दिया गया था। (भाषा)