अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने साहिल, दिनेश, टिंकू, संदीप, विकास कश्यप और सोनू के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। इन लोगों पर 2020 में 24 और 25 फरवरी की दरम्यानी रात में भागीरथी विहार में एक दुकान पर हमला करने और लूटपाट करने वाली दंगाई भीड़ में शामिल होने का आरोप था।
उन पर उस भीड़ का हिस्सा होने का भी आरोप था, जिसने 24 फरवरी को रात नौ बजे के आसपास एक घर में आगजनी, हमला और लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था। न्यायाधीश ने गुरुवार को कहा, मुझे लगता है कि इस मामले में आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं। इसलिए इस मामले में सभी आरोपी व्यक्तियों को इन सभी आरोपों से बरी किया जाता है।
न्यायाधीश ने कहा कि एक कांस्टेबल और एक सहायक उप-निरीक्षक अभियोजन पक्ष के दो गवाह थे, जिन्होंने घटनाओं को देखने का दावा किया था। उन्होंने कहा, यदि मैं इन दोनों गवाहों की गवाही की तुलना करूं, तो मुझे उनके बयानों में बड़ा अंतर नजर आता है। न्यायाधीश ने कहा, ऐसे सबूतों को ध्यान में रखते हुए, यह माना जा सकता है कि ये दोनों घटनाएं दंगाई भीड़ के कारण हुई होंगी।
उन्होंने कहा कि इस मामले में सबूत पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि पुलिस ने दंगों की विशिष्ट घटनाओं के आधार पर अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। गोकलपुरी पुलिस थाना पुलिस ने दो शिकायतों के आधार पर छह आरोपियों के खिलाफ दंगा सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)