supreme court news: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को 2019 में कई राज्यों में कॉर्पोरेट अस्पतालों से जुड़े 'बड़े पैमाने पर' और 'सुव्यवस्थित' गुर्दा प्रतिरोपण घोटाले की शिकायतों की सीबीआई या एसआईटी जांच की मांग वाली दो साल पुरानी याचिका पर विचार करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि अदालतें सभी गलत चीजों के लिए 'रामबाण' नहीं हो सकतीं।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता सचिन जैन ने पीठ को 2023 में कथित गुर्दा गिरोह के 5 हालिया मामलों के बारे में बताया और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जेएस वर्मा समिति की जनवरी 2013 की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें बच्चों को जबरन श्रम, यौन शोषण और अवैध मानव अंग व्यापार का शिकार बनाए जाने का मुद्दा उठाया गया था।
केन्द्र से अनुरोध : पीठ ने कहा, हम याचिका पर आगे विचार करने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन प्रतिवादियों (केंद्र और अन्य) से अनुरोध करते हैं कि वे याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दे पर गौर करें और आवश्यक कार्रवाई करें, खासकर न्यायमूर्ति जेएस वर्मा समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए। (भाषा)