न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने गत वर्ष नवंबर में न्यायालय द्वारा पटाखों की ब्रिकी पर लगाई गई रोक हटाने के लिए पटाखा निर्माताओं द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए आज यह आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने बिक्री पर रोक हटाने के साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई है। उसने कहा कि दीपावली के बाद वायु प्रदूषण के स्तर की जांच के उपरांत वह अपने आज के आदेश पर पुनर्विचार कर सकती है।
पीठ ने कहा है कि पटाखों की बिक्री पर से रोक हटाई जा रही है, लेकिन बिना लाइसेंस वाली दुकानें इसे नहीं बेच सकेंगी। पटाखों की बिक्री के लिए पांच सौ अस्थाई लाइसेंस जारी किए जाएंगे। यह लाइसेंस दिल्ली और एनसीआर में पहले से मौजूद पटाखों की खेप के लिए होगी। दीपावली तथा दशहरा के पहले यहां बाहर से और पटाखे लाने की अनुमति नहीं होगी। न्यायालय का मानना है कि जितने पटाखे दिल्ली-एनसीआर में इस समय मौजूद हैं वह इस साल के लिए पर्याप्त हैं।
न्यायालय ने प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया है कि पटाखे शोर वर्जित क्षेत्र तथा अस्पतालों, नर्सिंग होम, स्वास्थ्य केन्द्र, अदालतों और धार्मिक स्थलों के सौ मीटर के दायरे में नहीं छोड़े जाएं। उसने पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध के मामले में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक समिति गठित करने का ओदश भी दिया है। समिति को अपनी रिपोर्ट 31 दिसंबर तक न्यायालय को सौंपनी है। (वार्ता)