Eid al-Adha 2025 to be celebrated in India on June 7 : दिल्ली समेत देश के विभिन्न राज्यों में बुधवार शाम ईद-उल-अज़हा के चांद के दीदार हो गए जिसके बाद सात जून को बकरीद का त्योहार मनाने का मुस्लिम धर्मगुरुओं ने ऐलान किया। चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने पीटीआई को बताया कि उनकी मस्जिद से शाम में इस्लामी कैलेंडर के आखिरी महीने ज़िल हिज्जा का चांद साफ तौर पर दिखा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा समेत देश के अलग अलग राज्यों से भी चांद देखे जाने की पुष्टि हुई है। मुफ्ती ने कहा कि लिहाज़ा, ईद-उल-अज़हा का त्योहार सात जून को मनाया जाएगा।”
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद शाबान बुखारी ने एक बयान में कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों में चांद दिखने के बाद मस्जिद की चांद समिति ने सात जून (शनिवार) को बकरीद का त्योहार मनाए जाने की घोषणा की। बुखारी के मुताबिक, 29 मई को इस्लामी कैलेंडर के आखिरी महीने ज़िल हिज्जा की पहली तारीख है।
इस्लामी मान्यता के अनुसार, पैगंबर इब्राहिम अपने पुत्र इस्माइल को इसी दिन अल्लाह के हुक्म पर अल्लाह की राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उनके बेटे को जीवनदान दे दिया और वहां एक पशु की कुर्बानी दी गई थी जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है।
तीन दिन चलने वाले त्योहार में मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी हैसियत के हिसाब से उन पशुओं की कुर्बानी देते हैं, जिन्हें भारतीय कानूनों के तहत प्रतिबंधित नहीं किया गया है। मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के जिन लोगों के पास करीब 612 ग्राम चांदी है या इसके बराबर के पैसे हैं या कोई और सामान है, वे कुर्बानी करने के पात्र हैं। भाषा Edited by: Sudhir Sharma