आतंकी हमले में घायल सीआरपीएफ के जवान को अदालत से बड़ी राहत

Webdunia
रविवार, 4 फ़रवरी 2018 (11:53 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 29 वर्ष पूर्व आंतकी हमले में गंभीर रूप से घायल सीआरपीएफ के जवान को उचित वित्तीय अद्यतन लाभ देने निर्देश केंद्र सरकार को दिए हैं। अदालत ने कहा कि सिपाही को उन आर्थिक लाभों से ‘अनुचित तरीके से दूर’ रखा गया जिसका गृह मंत्रालय और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की नीतियों के तहत चिकित्सकीय मानकों में छूट मिलने के बाद वह हकदार था।

उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति हेमा कोहली और न्यायमूर्ति रेखा पिल्लई की खंड पीठ ने सरकार के जून 2003 और दिसंबर 2005 के आदेशों को खारिज कर दिया जिसमें सरकार ने अश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (एसीपी) योजना के तहत लाभ पाने के जवान के दावे को खारिज कर दिया था।

खंडपीठ ने जवान की याचिका को मंजूर करते हुए कहा कि सर्विस के 24 वर्ष पूरा करने पर अधिकारी प्रथम वित्तीय अद्यतन का लाभ निर्धारित तिथि 9 अगस्त 1999 से और दूसरा वित्तीय अद्यतन 24 जनवरी 2005 से पाने का हकदार है।

अदालत ने हालांकि कहा कि अधिकारी ने राहत पाने के लिए अदालत का रुख करने में देरी की, इसे ध्यान में रखते हुए उसे इसके केवल काल्पनिक फिटनेस और 2016 में याचिका दाखिल करने के केवल तीन वर्ष पहले के अद्यतन एरियर्स दिए जाएंगे।

मामले के अनुसार याचिकाकर्ता को 24 जनवरी 1981 को सीआरपीएफ में सिपाही के तौर पर नियुक्त किया गया था और 1984 में उसे फिर से कॉस्टेबिल (ड्राइवर) नियुक्त किया गया था। 26 जुलाई 1989 में पंजाब के तरन तारन में तैनाती के दौरान जब वह सैनिकों को ले जा रहा सरकारी वाहन चला रहा था तभी आतंकवादियों के हमले का शिकार हो गया था। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख