इतना ही नहीं इस समिति ने क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन से संबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल होने पर दंड की भी व्यवस्था को मंजूरी दी है। क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के मसौदे के प्रस्ताव के मुताबिक देश में क्रिप्टो करेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी।
क्या है क्रिप्टो करेंसी : खास बात यह है कि रुपया, डॉलर, यूरो एवं अन्य मुद्राओं की तरह इस मुद्रा का संचालन किसी देश या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक डिजिटल करेंसी होती है। इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है।
डिजिटल होने के कारण इसे आप न तो देख सकते हैं, न छू सकते हैं, क्योंकि भौतिक रूप में क्रिप्टो करेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता। इसलिए इसे आभासी मुद्रा कहा जाता है। पिछले कुछ सालों में ऐसी करेंसी काफी प्रचलित हुई है।
सबसे क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत बिटकॉइन के रूप में 2009 में हुई था। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। शुरुआत में यह उतनी प्रचलित नहीं थी, किन्तु धीरे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे। 2009 से लेकर अब तक लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं।