नई दिल्ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती पवार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि हाल में एम्स के सर्वर को हैक किया जाना एक साइबर हमला था लेकिन हैकर्स ने किसी फिरौती की मांग नहीं की थी।
लोकसभा में सुशील कुमार सिंह, अदूर प्रकाश, पोन गौतम सिगामणि, साजदा अहमद, एंटो एंटनी, जय प्रकाश, हनुमान बेनीबाल और राकेश सिंह के प्रश्न के लिखित्त उत्तर में डॉ भारती पवार ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एम्स, नई दिल्ली के 5 सर्वर पर ई-हॉस्पिटल एप्लिकेशन को होस्ट किया गया था और ये साइबर हमले से प्रभावित हुए थे। एम्स द्वारा साइबर हमले की घटना के संबंध में कानून की संबंधित धाराओं के तहत दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ में FIR संख्या 349/22 दर्ज की गई है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने बताया कि हैकर्स ने किसी फिरौती की मांग नहीं की थी, हालांकि सर्वर पर एक संदेश पाया गया था जो बताता है कि यह एक साइबर हमला था। ई-हॉस्पिटल के लिए सभी डेटा को एक बैकअप सर्वर से पुन: प्राप्त करके नए सर्वरों पर बहाल कर दिया गया है।
मंत्री ने बताया कि साइबर हमले के दो सप्ताह बाद ई-हॉस्पिटल एप्लिकेशन के अधिकांश कार्यो को बहाल कर दिया गया है जिसमें रोगी पंजीकरण, समय निर्धारण, भर्ती, डिस्चार्ज आदि शामिल हैं। (भाषा)