मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सेवाएं देने वाले दुकानदारों तथा बैंकिंग प्रतिनिधि को जोड़ने से पहले बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इनकी गहन जांच-परख करनी चाहिए। इस तरह के कदम से न केवल धोखाधड़ी पर अंकुश लग सकेगा बल्कि वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत किया जा सकेगा।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 के दौरान वित्तीय साइबर धोखाधड़ी के 11,28,265 मामले सामने आए। इन मामलों में कुल 7,488.63 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई।
बढ़ती साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के अपने प्रयासों के तहत रिजर्व बैंक अवैध ऋण देने वाले ऐप की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए एक डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी (डिजिटा) स्थापित करने पर विचार कर रहा है। प्रस्तावित एजेंसी डिजिटल ऋण देने वाले ऐप के सत्यापन में मदद करेगी और सत्यापित ऐप का एक सार्वजनिक रजिस्टर बनाएगी। (भाषा)