अतीत के अनुभवों से सबक सीखते हुए, गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) ने जखौ के पास पट पर बिपारजॉय के टकराने के बाद निर्बाध रूप से संचार के लिए छह एचएएम रेडियो टीम और मोबाइल इकाइयां तैनात की हैं जिनमें से दो कच्छ में तैनात हैं।
आपात स्थितियों के समय जब वायर लाइन, मोबाइल फोन और संचार के अन्य पारंपरिक स्थलीय साधन विफल हो जाते हैं तो एचएएम रेडियो को संचार का विश्वसनीय माध्यम माना जाता है। एचएएम रेडियो में संचार के लिए गैर-व्यावसायिक रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल होता है।
जीएसडीएमए के एचएएम रेडियो संचालक डॉ. कौशल जानी ने कहा, जीएसडीएमए ने एचएएम रेडियो इकाइयों के साथ छह टीम को उन क्षेत्रों में तैनात किया है जहां चक्रवात का प्रभाव सबसे अधिक होने की संभावना है। इनमें से दो कच्छ में तैनात हैं।
उन्होंने कहा कि चक्रवात के दौरान जब संचार के सभी नेटवर्क विफल हो जाते हैं और बिजली उपलब्ध नहीं होती है, तो एचएएम रेडियो काम करता है। जानी ने कहा, हम एचएएम के माध्यम से जरूरी संदेशों का आदान-प्रदान कर सकते हैं, जैसे एंबुलेंस बुलाना या बचाव के लिए आपदा मोचन दलों को बुलाना।
जीएसडीएमए के गौरव प्रजापति ने कहा कि मई 2021 में जब चक्रवात ताउते समुद्र तट से टकराया था, तो संचार और विद्युत नेटवर्क छह दिन तक ठप हो गया था और हमने (एचएएम) रेडियो के माध्यम से ही संवाद किया था। जखौ में एक मोबाइल एचएएम रेडियो इकाई भी तैनात की गई है, जहां शाम को चक्रवात के टकराने की संभावना है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)