Cyclone Tauktae Live Updates : चक्रवात ताउते ने गुजरात में मचाई तबाही, 7 की मौत

मंगलवार, 18 मई 2021 (12:48 IST)
गांधीनगर। अरब सागर में उठा अत्यंत तीव्र श्रेणी का तूफ़ान 'ताउते'  (Cyclone Tauktae) गुजरात तट से टकराने और व्यापक तबाही मचाने के बाद निरंतर कमज़ोर होता जा रहा है पर इससे ख़तरा अभी भी बना हुआ है। ताउते से जुड़ी हर जानकारी.... 


04:04 PM, 18th May
-गुजरात में चक्रवात ताउते से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 7 लोगों की जान चली गई।
-मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि चक्रवाती तूफान की वजह से 16,000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है, जबकि 40 हजार से ज्यादा पेड़ और एक हजार से ज्यादा बिजली के खंभे इसकी वजह से उखड़ गए।

03:01 PM, 18th May
-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को चक्रवात ताउते के मद्देनजर महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों से बात कर तीनों राज्यों में वस्तु स्थिति का जायजा लिया।
-आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शाह ने फोन पर इन मुख्यमंत्रियों से बात की और चक्रवात ताउते से उत्पन्न स्थिति व मौजूदा चुनौतियों के मद्देनजर उन्हें सभी प्रकार की केंद्रीय मदद का आश्वासन दिया।
-अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ताउते के असर से बीते चौबीस घंटे में तीनों राज्यों सहित कुछ अन्य राज्यों के अनेक हिस्सों में भारी बारिश दर्ज की गई। कुछ स्थानों पर जानमाल के नुकसान की भी खबरें हैं।

02:24 PM, 18th May
-अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ताउते के असर से बीते चौबीस घंटे में राजधानी जयपुर सहित राजस्थान के अनेक हिस्सों में बारिश दर्ज की गई है।
-मौसम केंद्र के अनुसार, इस दौरान सबसे अधिक 50 मिली. बारिश भीलवाड़ा में दर्ज की गई। इसी तरह चित्तौड़गढ़ में 25 मिमी. , डबोक में 20.6 मिमी., वनस्थली में 20 मिमी, सवाई माधोपुर में 16 मिमी , बूंदी में 14 व अजमेर में 11.8 मिमी बारिश दर्ज की गई।
-मौसम विभाग ने ताउते के असर से मंगलवार को उदयपुर, सिरोही, राजसमंद, डूंगरपुर, पाली और जालौर जिले में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

01:14 PM, 18th May
-मुंबई में चक्रवाती तूफान ताउते के कारण 230 मिलीमीटर बारिश हुई। एक मौसम विशेषज्ञ ने इसे दर्ज इतिहास में मई में 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश होने का दावा किया है।
-भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुंबई केंद्र के अनुसार, सांताक्रूज वेधशाला ने मंगलवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 230.3 मिमी बारिश दर्ज की।
-इसके अलावा, कोलाबा वेधशाला ने इसी अवधि के दौरान 207.6 मिमी बारिश दर्ज की।
-आईएमडी की गणना के अनुसार, 204.5 मिमी से अधिक वर्षा को अत्यधिक भारी वर्षा माना जाता है।

12:55 PM, 18th May
-अब तक मिले आधिकारिक आंकड़ो के अनुसार तूफ़ान के चलते एक बच्चे और एक महिला समेत कम से कम 3 लोगों की मौत हुई है। अनाधिकारिक सूचनाओं के अनुसार यह संख्या कम से कम 5 है।
-इसके असर से तटवर्ती हिस्सों में बड़े पैमाने पर पेड़, कच्चे, पक्के मकान और बिजली के खम्भे धराशायी हुए हैं। पेड़ गिरने के हज़ारों मामले सामने आए हैं और इनके चलते तटीय इलाक़ों में सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
-2हज़ार से अधिक गांव में बिजली आपूर्ति प्रभावित है।


12:55 PM, 18th May
-सुबह साढ़े आठ बजे यह तीव्र श्रेणी के तूफ़ान के तौर पर अहमदाबाद से 210 किमी दक्षिण पूर्व, अमरेली से 10 कम पूर्व और सुरेंद्रनगर से 130 किमी दक्षिण दक्षिण पूर्व में स्थित था।
-इसके शाम तक अहमदाबाद से गुज़रने और देर रात तक राज्य को प्रभावित करते रहने का अनुमान है।
-इसके असर से 17 जिलो के 70 से अधिक तालुक़ा में बरसात हुई है जिसमें से सर्वाधिक 9 इंच (180 मिमी) अमरेली के बगसरा में थी।

12:54 PM, 18th May
-मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बताया कि यह जब कल रात गुजरात तट से टकराया था तब इसके हवाओं की गति 160 किमी प्रति घंटा थी और अब इसकी गति 100 से 110 किमी है।
-अब तक तीन लोगों के तूफ़ान जनित घटनाओं से मौत की पुष्टि हुई है इनमे से वलसाड ज़िले के वापी का एक व्यक्ति, राजकोट ज़िले के जेतपुर में तीन साल का एक बालक और भावनगर के गरियाधार की 80 साल की एक महिला शामिल हैं। इनकी मौत दीवार आदि गिरने से हुई है।
-इस बीच, अनाधिकारिक सूचना के अनुसार अमरेली के राजुला में मकान गिरने से एक बच्ची तथा सूरत में पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मौत हुई है।
-रूपाणी ने बताया कि 2437 गांव में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई थी जिसमें से 484 में इसे फिर से बहाल कर दिया गया था। पेड़ आदि गिरने से 196 रास्ते बंद थे।
-प्रभावित क्षेत्रों में 1400 कोविड अस्पतालों में से मात्र 16 में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई और इसमें भी 12 में इसे ठीक कर लिया गया और शेष चार में जेनेरेटर के ज़रिए आपूर्ति की जा रही है।
-उन्होंने कहा कि तूफ़ान निरंतर कमज़ोर हो रहा है पर कल सुबह तक इससे पूरी तरह सतर्क रहने की ज़रूरत है। सरकार तूफ़ान सम्बंधी बचाव कार्य की निरंतर निगरानी कर रही है। नुक़सान के आंकलन के लिए सर्वे भी किया जा रहा है।




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