उन्होंने कहा कि देश को दो नामों से क्यों पुकारा जा रहा है। इस पर सवाल उठना चाहिए। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की जगह भारत का रिजर्व बैंक लिखो, कॉन्सिट्यूशन ऑफ इंडिया की जगह भारत का संविधान लिखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुगल काल के समय लोगों को लगता था कि ये मुगल अपनी संस्कृति, रहन सहन, विचार में हमसे ऊपर नहीं है। वहीं अंग्रेजों के समय भारतीय को लगता था कि ये हमसे श्रेष्ठ हैं। ऐसा आज भी है इसलिए यहां अंग्रेजियत है।