कोई सबूत और गवाह नहीं : बता दें कि हाईकोर्ट ने सीधे तौर पर कोई सबूत और गवाह नहीं होने के आधार पर दोनों दोषियों को बरी किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले से सीबीआई को बड़ा झटका लगा है। हालांकि रिंपा हलदर मर्डर केस में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने ही सुरेंद्र कोहली की फांसी की सजा को बरकरार रखा था, क्योंकि इन्हीं सबूतों के आधार पर रिंपा हलदर मर्डर केस में दोनों को फांसी की सजा मिली थी।