नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देश के कई हिस्सों में 'अग्निपथ' सैन्य भर्ती योजना के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच तीनों सेनाओं के प्रमुखों से रविवार को मुलाकात की। सिंह ने थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों के साथ इस मामले पर लगातार दूसरे दिन बैठक की।
सिंह ने आवश्यक योग्यता मानदंडों को पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को शनिवार को मंजूरी दी थी। गृह मंत्रालय ने भी नई भर्ती योजना के तहत चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद 'अग्निवीरों' के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है।
भारतीय वायुसेना ने नई योजना के संबंध में रविवार को विस्तार से जानकारी दी। भारतीय नौसेना और थलसेना भी जल्द ही ऐसा कर सकती हैं। सरकार ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने के प्रयास के तहत गुरुवार रात 'अग्निपथ' योजना के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को वर्ष 2022 के लिए 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।
इसने मंगलवार को इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि साढ़े सत्रह साल से 21 साल तक की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा, जबकि उनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा।
नई योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्यकर्मियों की औसत आयु को कम करना और बढ़ते वेतन एवं पेंशन बिल में कटौती करना है। कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण 2 साल से अधिक समय से सेना में रुकी हुई भर्ती प्रक्रिया की पृष्ठभूमि में नई योजना की घोषणा की गई है।(भाषा)