नई दिल्ली। सशस्त्र बलों के साथ 'अग्निवीरों' के कार्यकाल के बाद उनके वास्ते लाभकारी रोजगार के अवसरों को तलाशने के लिए सरकार द्वारा भारतीय रक्षा उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ एक बातचीत सत्र का आयोजन किया गया। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रमुख भारतीय रक्षा उद्योगों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस चर्चा में भाग लिया।
रक्षा मंत्रालय ने 30 नवंबर को कंपनियों की कॉर्पोरेट भर्ती योजना के तहत सत्र आयोजित किया था। सत्र की अध्यक्षता रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने की। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एलएंडटी, अडाणी डिफेंस लिमिटेड, टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड, अशोक लेलैंड सहित अन्य प्रमुख भारतीय रक्षा उद्योगों के वरिष्ठ अधिकारियों ने चर्चा में भाग लिया।
बयान में कहा गया है कि 'सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स' के तत्वावधान में भारतीय रक्षा उद्योग के साथ कंपनियों की कॉर्पोरेट भर्ती योजना के तहत पूर्व-अग्निवीरों के लिए लाभकारी रोजगार के अवसर खोजने के वास्ते इस सत्र का आयोजन किया गया।
इसमें कहा गया है कि रक्षा सचिव ने राष्ट्र निर्माण में जुटे विभिन्न क्षेत्रों में समर्पित और अनुशासित युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से सशस्त्र बलों के साथ अपने कार्यकाल के बाद अग्निवीरों की विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
बयान में कहा गया है कि सशस्त्र बलों के साथ अपने जुड़ाव के दौरान अग्निवीरों द्वारा प्राप्त कौशल एक उच्च सक्षम और पेशेवर कार्यबल बनाने में मदद करेगा और यह उद्योग द्वारा उपयोगी और संरचनात्मक जुड़ाव के लिए आसानी से उपलब्ध होगा।
मंत्रालय ने कहा कि कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस प्रयास में अपना निरंतर समर्थन और प्रतिबद्धता जताई और सशस्त्र बलों के साथ अपना पहला बैच पूरा करने के बाद पूर्व-अग्निवीरों को तैनात करने के प्रति उत्सुकता व्यक्त की।
मंत्रालय ने कहा कि रक्षा सचिव ने प्रतिभागियों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया को स्वीकार करते हुए भारतीय रक्षा निर्माताओं से अपनी प्रतिबद्धता पर कार्य करने और कॉर्पोरेट भर्ती योजनाओं के तहत उनसे जल्द से जल्द नीतिगत घोषणा करने का आग्रह किया।
गौरतलब है कि सरकार ने थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी 'अग्निपथ' नामक योजना की 14 जून को घोषणा की थी जिसके तहत सैनिकों की भर्ती 4 साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी।(भाषा)