अदालत ने कहा कि एक व्यक्ति को अपने विचारों को व्यक्त करने का अधिकार है, चाहे वह सही हो या गलत। अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह उसे संतुष्ट करे कि कैसे अदालत हस्तक्षेप कर सकती है। पीठ ने पूछा कि जहां तक राजीव गांधी का संबंध है तो क्या सीरीज में अन्य टिप्पणियां या कोई अन्य सामग्री है? क्या प्रसारण करने से पहले सीबीएफसी के किसी प्रमाणपत्र की जरुरत नहीं है?’ अदालत वकील निखिल भल्ला की याचिका पर सुनवाई कर रही है।
वकील शशांक गर्ग द्वारा दायर याचिका में दलील दी गई है कि सैफ अली खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनीत कार्यक्रम में ‘बोफोर्स मामला, शाह बानो मामला, बाबरी मस्जिद मामला और सांप्रदायिक दंगे जैसी देश की ऐतिहासिक घटनाओं को गलत तरीके से दिखाया गया है। (भाषा)