क्या है कच्चातीवु विवाद, पीएम मोदी ने क्यों कांग्रेस पर लगाया Katchatheevu को छोड़ने का आरोप?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

रविवार, 31 मार्च 2024 (11:25 IST)
PM Modi on Katchatheevu : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कच्चातीवु द्वीप श्रीलंका को सौंपने के फैसले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कहा कि इस कदम से लोग नाराज हैं और कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता।
 
पीएम मोदी की यह प्रतिक्रिया सूचना के अधिकार (RTI) रिपोर्ट के बाद आई है, जिसमें खुलासा हुआ है कि कैसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 1974 में कच्चातीवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था।
 
उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि आंखें खोलने वाली और चौंका देने वाली! नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने बेरहमी से कच्चातीवु को श्रीलंका को दे दिया। इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में यह बात आई है कि हम कभी भी कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते! भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का काम करने का तरीका रहा है।
 

Eye opening and startling!

New facts reveal how Congress callously gave away #Katchatheevu.

This has angered every Indian and reaffirmed in people’s minds- we can’t ever trust Congress!

Weakening India’s unity, integrity and interests has been Congress’ way of working for…

— Narendra Modi (@narendramodi) March 31, 2024
कहां है कच्चातीवु द्वीप (Kachchativu island) : कच्चातिवु द्वीप रामेश्वरम से सिर्फ 25-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कच्चातीवु पिछले सौ साल से श्रीलंका और भारत में विवाद का विषय रहा था। यह द्वीप 14वीं सदी में ज्वालामुखी विस्फोट से बना है। इस द्वीप पर तभी से रामेश्वरम के आसपास के मछुआरे मछली पकड़ते रहे हैं। साथ द्वीप एक सालाना उत्सव में भाग लेते रहे हैं। 
 
1921 में श्रीलंका ने किया दावा : 1921 में श्रीलंका ने इस पर दावा कर दिया और इसे विवादित क्षेत्र बना दिया। हालांकि इसके बावजूद पारंपरिक रूप से श्रीलंका के तमिलों और तमिलनाडु के मछुआरे इसका इस्तेमाल करते रहे हैं लेकिन पिछले कुछ साल से श्रीलंका यहां भारतीय मछुआरों को न सिर्फ परेशान करता है बल्कि उसे गिरफ्तार भी कर लेता है।
 
इंदिरा गांधी ने किया गिफ्ट : 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और श्रीलंका की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमाओ भंडारनायके के बीच हुए समझौते में यह द्वीप ने भारत ने श्रीलंका को गिफ्ट में दे दिया। उस समझौते की संसद ने कोई पुष्टि नहीं की थी, जिस पर सवाल उठता है कि इंदिरा गांधी को यह अधिकार किसने दिया था कि वह भारत की जमीन का एक टुकड़ा किसी अन्य देश को उपहार स्वरूप दे दे।
 
जयललिता ने बनाया था मुद्दा : जिस समय इंदिरा गांधी ने कच्चातीवु द्वीप श्रीलंका को उपहारस्वरूप दे दिया था तब स्टालिन के पिता एम. करुणानिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे। उस समय एम. करुणानिधि ने श्रीलंका को कच्चातीवु द्वीप देने का उस ढंग से विरोध नहीं किया था, जैसे उन्हें करना चाहिए था। इसके बाद जयललिता ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में कच्चातीवु द्वीप को मुख्य राजनीतिक मुद्दा बना लिया था।  
 
संसद में भी पीएम मोदी ने किया था कच्चतिवु का जिक्र : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगस्त 2023 में भी लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए अपने भाषण में कच्चातीवु द्वीप का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि जो लोग बाहर गए हैं, उनसे जरा पूछिए कि कच्चातिवु क्या है? और यह कहां स्थित है? DMK सरकार उनके मुख्यमंत्री मुझे लिखते हैं - मोदी जी कच्चातिवु को वापस लाओ। यह एक द्वीप है लेकिन इसे दूसरे देश को किसने दे दिया। क्या ये मां भारती का हिस्सा नहीं था? ये इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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