उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सभी दलों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अगले साल 31 अक्टूबर तक वार्षिक लेखा परीक्षा की रिपोर्ट पेश करनी होती है, लेकिन लालू की पार्टी ने 31 अक्टूबर 2015 तक वर्ष 2014-15 के लिए अपनी रिपोर्ट नहीं पेश की।
चुनाव आयोग ने इसके लिए राजद को नोटिस जारी किया है और कहा है कि जवाब नहीं मिलने पर राजद का चुनाव चिह्न रद्द किया जा सकता है। लालू की पार्टी का चुनाव चिह्न लालटेन है। आयोग के मुताबिक राजद को हिसाब-किताब देने के लिए अब तक 8 बार स्मरण-पत्र जारी किए जा चुके हैं, लेकिन पार्टी ने फिर भी रिपोर्ट पेश नहीं की।