electoral bond Data uploaded on Election Commission website: सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा सार्वजनिक कर दिया है। इसे आयोग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। विभिन्न कंपनियों द्वारा खरीदे गए बॉन्ड की राशि करोड़ों रुपए में है। हालांकि आयोग द्वारा अपलोड की गई सूची में यह उल्लेख नहीं है कि कौनसी कंपनी ने किस पार्टी के बॉन्ड ज्यादा खरीदे।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को बॉन्ड से जुड़ा सभी डाटा चुनाव आयोग को उपलब्ध कराने की बात कही थी। इसी के मद्देनजर आयोग ने एसबीआई से प्राप्त डाटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। आयोग ने दो सूचियां जारी की हैं। एक सूची में उन कंपनियों के नाम हैं, जिन्होंने बॉन्ड खरीदे हैं, जबकि दूसरी सूची में पार्टियों के नाम हैं। हालांकि इन सूचियों से यह स्पष्ट नहीं होता कि किस पार्टी के बॉन्ड किस कंपनी या व्यक्ति ने खरीदे हैं।
किस कंपनी ने कितने बॉन्ड खरीदे : इस सूची के मुताबिक 12 अप्रैल 2019 को ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि. 20 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे थे। ये तो महज के उदाहरण है, कंपनियों की सूची काफी लंबी है। इसी तरह एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लि. ने 12 अप्रैल 2019 को 10 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपए तक के बॉन्ड खरीदे। मेघा इंजीनियरिंग ने भी 12 अप्रैल 2019 को करीब 50 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे।
ये सूची काफी लंबी है। साथ ही इसमें यह बॉन्ड खरीदने वालों और पार्टियों के नाम तो लिखे हैं, लेकिन किस संस्था ने किस पार्टी के कितने बॉन्ड खरीदे हैं, इसका उल्लेख नहीं है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala