सरकार ने प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) का शुभारंभ सितंबर, 2017 में किया था। इसका बजट 16,320 करोड़ रुपये है।
एक अधिकारी ने बताया, 'सौभाग्य योजना के तहत तय किए गए 100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण के लक्ष्य को इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। आज की तारीख तक इसके तहत 2.44 करोड़ परिवारों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जा चुका है।'
देश के 100 प्रतिशत घरों तक बिजली पहुंचाना, वर्तमान सरकार का एक अहम लक्ष्य था। हालांकि, इसे तय दिसंबर, 2018 की समय सीमा में पूरा नहीं किया जा सका लेकिन इसके इस माह के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
केंद्रीय बिजली मंत्री आर. के. सिंह की अध्यक्षता में जुलाई, 2018 में राज्यों के बिजली मंत्रियों की शिमला में बैठक हुई। तब सौभाग्य योजना को 31 मार्च, 2019 के वास्तविक लक्ष्य की बजाय 31 दिसंबर, 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया।
सौभाग्य की वेबसाइट के अनुसार चार राज्यों के करीब 3.58 लाख परिवारों तक बिजली पहुंचाने का काम शेष बचा है। इसमें असम के 1,63,016, राजस्थान के 88,219, मेघालय के 86,317 और छत्तीसगढ़ के 20,293 परिवार बचे हैं। सौभाग्य योजना का लक्ष्य शहरी और ग्रामीण इलाकों में बचे हुए हर परिवार तक बिजली कनेक्शन पहुंचाना है।