दिल्ली में दमघोंटू है वायु का स्तर, नहीं हुआ सुधार : CPCB

Webdunia
बुधवार, 13 नवंबर 2019 (08:33 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली की वायु गुणवत्ता कुछ दिन बेहतर रहने के बाद मंगलवार सुबह एक बार फिर पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली के कारण 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई और इसके आपात श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण ब्यूरो (CPCB) के अनुसार दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार अपराह्न 4 बजे 425 और रात के 9 बजे 437 दर्ज किया गया। सोमवार अपराह्न 4 बजे यह 360 था।
ALSO READ: दिल्ली में वायु गुणवत्ता फिर 'बहुत खराब' श्रेणी में, नमी बढ़ने से प्रदूषण का स्तर बढ़ा
सरकार के वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र 'वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली' (सफर) ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बुधवार को 'बेहद गंभीर' या 'आपातकालीन' श्रेणी में प्रवेश करने की आशंका है।
 
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट किया कि पूर्वानुमान के मुताबिक हवा की गुणवत्ता 14 नवंबर तक बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 11.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
 
मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सर्दियों के आगाज के साथ ही न्यूनतम तापमान में गिरावट से हवा में ठंडक बढ़ गई है और भारीपन आ गया है जिससे प्रदूषक तत्व जमीन के निकट जमा हो रहे हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण ब्यूरो (CPCB) के अनुसार दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार अपराह्न 4 बजे 425 और रात के 9 बजे 437 दर्ज किया गया। सोमवार अपराह्न 4 बजे यह 360 था। पीएम 2.5 का स्तर 337 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा, वहीं पीएम 10 का स्तर बढ़कर 484 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पर पहुंच गया। 37 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन में अधिकतर ने वायु गुणवत्ता को 'गंभीर' श्रेणी में रखा।
 
एक्यूआई 465 के साथ वजीरपुर राजधानी का सबसे प्रदूषित क्षेत्र रहा। बवाना का एक्यूआई 464, रोहिणी का 454, मुंडका का 458 और आनंद विहार का एक्यूआई 458 दर्ज किया गया। फरीदाबाद (413), गुडगांव (415), गाजियाबाद (461), ग्रेटर नोएडा (444) और नोएडा (453) में भी हवा बेहद प्रदूषित रही।
 
गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 0-50 के बीच 'अच्छा', 51-100 के बीच 'संतोषजनक', 101-200 के बीच 'मध्यम', 201-300 के बीच 'खराब', 301-400 के बीच 'अत्यंत खराब', 401-500 के बीच 'गंभीर' और 500 के पार 'बेहद गंभीर एवं आपात' माना जाता है। विशेषज्ञों ने बताया कि प्रदूषण के स्तर में वृद्धि को हवा की गति में गिरावट आ सकती है।
 
उन्होंने कहा कि पराली जलाए जाने से निकलने वाले धुएं के बढ़ने की आशंका है जिससे दिल्ली में अगले 2 दिनों में हवा की गति में गिरावट आ सकती है। सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी सेवा 'सफर' के अनुसार शहर में 25 प्रतिशत प्रदूषण पराली के जलने की वजह से है।
 
प्रदूषण में वृद्धि ऐसे समय में हुई है, जब दिल्ली सरकार ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मद्देनजर अपनी सम-विषम योजना के तहत प्रतिबंध को हटा दिया था।

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख