EXCLUSIVE INTERVIEW : शाह-नीतीश की जुगलबंदी पर कैसे भारी पड़े संजीव झा, रिकॉर्ड वोटों से दर्ज की जीत

विकास सिंह
गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020 (08:40 IST)
sanjeev jha
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की प्रचंड जीत में सबसे अधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड बुराड़ी विधानसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार संजीव झा के नाम पर दर्ज हुआ है। लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए संजीव झा ने रिकॉर्ड 88 हजार 427 वोटों से अपने विरोधी उम्मीदवार को मात दी है। बिहार के मधुबनी से ताल्लुक रखने वाले संजीव झा से वेबदुनिया के पॉलिटिकल एडिटर ने खास बातचीत की
 
प्रश्न – लगातार तीसरी बार रिकॉर्डतोड़ मतों से जीत की सबसे बड़ी वजह आप क्या मानते है?
उतर – इस जीत का पूरा श्रेय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को जाता है। मुझे लगता है कि अरविंद केजरीवाल जी ने जिस तरह पांच साल दिल्ली की जनता के लिए काम किया है यह रिकॉर्ड जीत उसका ही प्रमाण है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जितनी भी योजनाएं लेकर आए उसका सबसे ज्यादा फायदा हमारे (बुराड़ी) के लोगों ने उठाया तो चुनाव में जीत का बड़ा कारण बनी। इसके साथ जीत की दूसरी सबसे बड़ी वजह लोगों से लगातार पूरे पांच साल वन–टू–वन कनेक्टिविटी भी है।
 
प्रश्न – बुराड़ी में गृहमंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मंच पर आए लेकिन उतनी ही बड़ी हार उनके खाते में दर्ज हुई ? 
उतर – देखिए न केवल अमित शाह और नीतीश कुमार आए, इसके साथ -साथ भाजपा के चार मुख्यमंत्री, 18 कैबिनेट मंत्री, 57 सांसद और सैकड़ों विधायक पूरे चुनाव के दौरान बुराड़ी में कैंप करते रहे लेकिन पूरे चुनाव में एक तरफ बुराड़ी की जनता खड़ी थी तो दूसरी तरफ सत्ताधारी नेता खड़े थे।

बुराड़ी की जनता इसलिए खड़ी थी कि उनको लगा कि अरविंद केजरीवाल ने पांच साल काम किया है। अपने आप में इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि जनता ने इन तमाम नेताओं के एक मंच पर होने के बाद  इस बात को ठना कि केजरीवाल की काम पर मोहर लगानी है। जैसा मैंने पहले कहा कि पांच साल का काम और जनता का प्यार भाजपा और जेडीयू के दो सबसे बड़े नेताओं की जुगलबंदी और मंच शेयर पर भारी पड़ा। 
 
प्रश्न – दिल्ली के बाद क्या चुनावी राज्य बिहार में भी AAP की एंट्री की तैयारी?
उतर – देखिए अभी तो मुझे लगता हैं कि दिल्ली में जितना बड़ा बहुमत मिला है अभी उसी पर काम करना हमारी प्राथमिकता है। बिहार को लेकर पार्टी देखेगी संगठन को लोग तय करेंगे कि आगे बिहार में किसी तरह अपनी राजनीतिक एंट्री करना है। अभी संगठन में बिहार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। 
 
प्रश्न –  प्रशांत किशोर को लेकर बहुत चर्चा है कि वह बिहार में AAP का चेहरा बनेंगे।
उतर– प्रशांत किशोर दिल्ली चुनाव में हमारे कैंपेन में साथ थे। बिहार में प्रशांत किशोर को लेकर अभी आधिकारिक ऐसा कोई घोषणा नहीं हुई है। अगर ऐसा कुछ निर्णय पार्टी में होता है तो बिल्कुल आप को बता देंगे, अभी इस पर ऑफिशियली कोई चर्चा पार्टी के अंदर नहीं हुई है। 
 
प्रश्न – बिहार के मधुबनी से आने वाले संजीव झा को अगर पार्टी बिहार में चेहरा बनाकर उतराती है तो कैसे जिम्मेदारी निभाएंगे 
उतर – पहले ही मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी अपने क्षेत्र (बुराड़ी) की जनता ने ही दे दी है। जो जिम्मेदारी बुराड़ी की जनता ने विश्वास के साथ सौंपी है उस पर काम करना है और अभी पूरी प्राथमिकता में क्षेत्र की जनता और उसके लिए काम करना है। 
 
प्रश्न – बुराड़ी में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर नहीं चलता है लगातार जीत का मार्जित बढ़ता जा रहा है इसका क्या रहस्य?
उतर – मैं लगातार तीसरी विधायक चुना गया हूं। हर चुनाव में जीत का मार्जिन लगभग 10 हजार वोटों का बढ़ा है 2013 के चुनाव में 68 हजार की मार्जिन थी और इस चुनाव (2020) में 88 हजार की मार्जिन है और इसकी सबसे बड़ी वजह लोगों का दिन प्रतिदिन बढ़ता प्यार है। मुझे लगता कि हम लोग राजनीति जो कुछ लोगों में ही थी उसको हम जनता के बीच अंतिम आदमी तक लेकर गए। आज अंतिम आदमी भी मानता है कि मैं अपने विधायक बात कर सकता हूं, सवाल कर सकता हूं, काम करवा सकता हूं, लोगों का यहीं विश्वास लगातार बढ़ता गया है और परिवार बढ़ा होता गया।  
 
प्रश्न – तीसरी बार के विधायक को मंत्री बनने की चाहत नहीं है?
उतर – देखिए अपनी क्षेत्र की जनता ने जो दिया है उस पर काम करते रहना चाहिए। बाकी चीजें दल के नेता तय करेंगे । हमारे विधायक दल के नेता तय करेंगे कि उनका कैबिनेट कैसा हो। मैं अपने क्षेत्र की जनता के बीच काम कर रहा हूं। अगले पांच साल के लिए बहुत के काम है और पुराने काम जो चल रहे है उनको पूरा करना है। 
 
प्रश्न – दिल्ली चुनाव खत्म होने के बाद भी भाजपा नेताओं के विवादित बयान आ रहे है?
उतर – दिल्ली जनता पहले ही भाजपा को आईना दिखा चुकी है। चुनाव में एक तरफ जहां हम पांच में किए गए काम के आधार पर वोट मांग रहे थे तो दूसरी तरफ वह हिंदू–मुसलमान, भारत–पाकिस्तान के नाम पर वोट मां रहे थे।
मुझे लगता है कि दिल्ली की जनता ने भाजपा की इस राजनीति को एक जोरदार तमाचा मारा है और उन्हें अब उन्हें चेतना चाहिए नहीं तो जो दिल्ली में हॉल हुआ है वो पूरे देश में होगा। देश की जनता अब अपने बच्चों के बेहतर स्कूल, इलाज के लिए अच्छा अस्पताल और चाहती है उनके बच्चों को अच्छा रोजगार कैसे मिलेगा इसकी चिंता कर रही है। 

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