वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का मामला दिनों-दिन गर्माता जा रहा है। स्थानीय कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वे के दौरान परिसर में शिवलिंग मिलने के हिंदू पक्ष के दावे के बाद ज्ञानवापी की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। कोर्ट के निर्देश के बाद बुधवार को शिवलिंग मिलने के दावे वाले स्थल को सील करने के साथ वहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। ज्ञानवापी मामले में एक ओर जहां हिंदू पक्ष शिवलिंग मिलने का दावा कर रहा है तो मुस्लिम पक्ष और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कानूनन लड़ाई लड़ने की बात कह रहा है।
ज्ञानवापी मामले ने एक बार अयोध्या में राममंदिर आंदोलन की यादें लोगों के जेहन में ताजा कर दी है। अयोध्या में राममंदिर आंदोलन की अगुवाई करने वालों में शामिल हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रमुख प्रवीण तोगड़िया इस पूरे मामले पर क्या सोचते है, इसको लेकर वेबदुनिया ने उनसे खास बातचीत की।
हिंदू मंदिर घोषित हो ज्ञानवापी परिसर-वेबदुनिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रमुख प्रवीण तोगड़िया कहते हैं कि इतिहास में इस बात के एक नहीं कई प्रमाण है कि काशी में विश्वनाथ मंदिर को कई बार तोड़ा गया। मुगल शासन काल में 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ा और वहां मस्जिद बनी।
प्रवीण तोगड़िया आगे कहते हैं कि वाराणसी के जिला कोर्ट ने सर्वे करने का जो आदेश दिया उसमें सर्वे के दौरान वुजू वाले स्थान (नमाज से पहले हाथ-पैर धोने वाला स्थान) से 12 फुट व्यास वाला शिवलिंग मिला है और हिंदू पक्ष ने कोर्ट से शिवलिंग मिलने की बात कही है। अगर देखा जाए तो काशी विश्वनाथ मंदिर में जो नंदी भगवान बैठे है, उससे 80 फीट दूर शिवलिंग मिला है।
प्रवीण तोगड़िया कहते हैं कि सोमवार और पूर्णिमा के दिन बाबा काशी विश्वनाथ ने हम सभी को दर्शन दिया है। ऐसे में सरकार तत्काल ज्ञानवापी परिसर को हिंदू मंदिर घोषित कर हिंदूओं को समर्पित करे। इसके साथ नंदी और शिवलिंग की बीच एक दीवार है उसको भी हटाया जाए,जिससे की नंदी भगवान शिव के दर्शन कर पाए। वहीं इसके साथ श्रृंगार गौरी की मूर्ति जो अब तक ज्ञानवापी मस्जिद की दीवार में कैद थी वह मुक्त हुई है। ऐसे में अब हर दिन ज्ञानवापी में बाबा विश्वनाथ, नंदी और श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना हो।
1991 के एक्ट को रद्द करे केंद्र सरकार- वेबदुनिया से बातचीत में हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता प्रवीण तोगड़िया कहते हैं कि अगर ज्ञानवापी को मंदिर घोषित करने में 1991 में बना धर्म स्थान यथास्थिति कानून आड़े आता है तो केंद्र में भाजपा की बहुमत वाली सरकार इस कानून को हटाए। वहीं वह आगे कहते हैं कि अगर इसके बाद भी अगर आवश्यकता पड़े तो जिस प्रकार सरदार पटेल ने कैबिनेट से निर्णय करवाकर सोमनाथ का मंदिर बनवाया था ऐसे ही भारत की संसद कानून पारित कर ज्ञानवापी का पूरा परिसर हिंदुओं को सौंपे। प्रवीण तोगड़िया कहते हैं कि देश के सभी सांसदों को पत्र लिखर 1991 के कानून को हटाने की मांग करेंगे।
Kashi Vishwanath Gyanvapi masjid
ज्ञानवापी को मंदिर बनाने के लिए अभियान-अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया कहते हैं कि ज्ञानवापी को मंदिर घोषित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और राष्ट्रीय बजरंग दल पूरे देश में हस्ताक्षर अभियान शुरु करेगा। हमने डंके की चोट पर राममंदिर बना लिया है और एक बार फिर डंके की चोट पर ज्ञानवापी में बाबा विश्वनाथ और नंदी गौरी की पूजा शुरु होगी।
हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता प्रवीण तोगड़िया कहते है कि ज्ञानवापी पूरा परिसर हिंदुओं को देकर वहां रोज पूजा करने की व्यवस्था करनी होगी, नहीं तो देश का हिंदू समाज जैसे राममंदिर के लिए कभी खड़ा हुआ था, वैसे ही काशी विश्वनाथ के लिए खड़ा होगा।
वह कहते है कि अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और राष्ट्रीय बजरंग दल ज्ञानवापी में बाबा विश्वनाथ की पूजा का संकल्प लेकर देशव्यापी लोकतंत्रिक अहिंसक अभियान शुरु कर रहा है। राममंदिर बना दिया अब ज्ञानवापी में बाबा विश्वनाथ की पूजा भी होगी।