नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 23 अक्टूबर 2024 (14:49 IST)
भारत में क्‍या क्‍या फर्जीवाड़ा नहीं हो रहा है। मिलावटी खाना, नकली सरकारी दफ्तर और नकली टोल प्लाजा। यहां तक तो ठीक था, लेकिन अब एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसके बारे में सुनकर पैरों के नीचे से जमीन सरक जाएगी। जो भी इस फर्जीवाडे के बारे में सुन रहा है, वो यही कह रहा है कि हे प्रभू, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

आपने कुछ दिन पहले ही फर्जी IPS देखा था मगर इस बार मामला कुछ और भी पेचीदा है,

गुजरात के अहमदाबाद में यह व्यक्ति सैमुएल मॉरिस पिछल 5 सालों से फर्जी कोर्ट चला रहा है,

मॉरिस केस से जुड़ी दलीलें सुनता और ट्रिब्यूनल के अधिकारी के रूप में आदेश पारित करता था, इतना ही नहीं

उसके साथी… pic.twitter.com/UmxTe8HBte

— Jaiky Yadav (@JaikyYadav16) October 23, 2024
गुजरात की राजधानी गांधीनगर में एक नकली अदालत चलने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। सबसे ज्‍यादा हैरान करने वाली बात तो यह है कि यह नकली अदालत पिछले पांच साल से चल रही थी। यह नकली अदालत चलाने वाले आरोपी ने 100 एकड़ जमीन भी हड़प ली। गांधीनगर से एक व्यक्ति को फर्जी अदालत चलाने के आरोप में गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जानते हैं क्‍या है पूरी कहानी।

ऐसे हड़पी 100 एकड़ जमीन : आरोपी का नाम मॉरिस सैमुअल है। वो बतौर ऑर्बिट्रेटर (मध्यस्थ) नकली जज मॉरिस ने अरबों रुपए की करीब 100 एकड़ सरकारी जमीन अपने नाम कर ऑर्डर पारित किए। मॉरिस उन लोगों को फंसाता था, जिनके जमीनी विवाद के केस शहर के सिविल कोर्ट में पेंडिंग थे। वह अपने मुवक्किलों से उनके मामले को सुलझाने के लिए फीस के तौर पर कुछ पैसा लेता था। मॉरिस खुद को कोर्ट से नियुक्त किया गया आधिकारिक मिडिएटर बताता था। वह अपने मुवक्किलों को गांधीनगर के अपने ऑफिस में बुलाता था, जिसे अदालत की तरह डिजाइन किया गया था। ऑफिस देखकर ऐसा लगता था कि यह सच की अदालत है। वही वेशभूषा, वही कानून की किताबें और सबकुछ असली अदालतों जैसा।

ऐसे दिलाते थे असल का भरोसा : मॉरिस केस से जुड़ी दलीलें सुनता और ट्रिब्यूनल के अधिकारी के रूप में आदेश पारित करता था। इतना ही नहीं, उसके साथी अदालत के कर्मचारी या वकील के रूप में खड़े होकर यह दिखाते थे कि कार्रवाई असली है। इस तरकीब से आरोपी मॉरिस 11 से ज्यादा मामलों में अपने पक्ष में ऑर्डर पारित कर चुका था।

असली रजिस्ट्रार ने पकड़ा नकली जज : 2019 में आरोपी ने इसी तरह अपने मुवक्किल के पक्ष में एक आदेश पारित किया था। मामला जिला कलेक्टर के अधीन एक सरकारी जमीन से जुड़ा था। उसके मुवक्किल ने इस पर दावा किया और पालडी इलाके की जमीन के लिए सरकारी दस्तावेजों में अपना नाम दर्ज करवाने की कोशिश की। मॉरिस ने कहा कि उसे सरकार ने मध्यस्थ बनाया है।

जज ने दिया ये आदेश : फर्जी जज मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन के खिलाफ शिकायत मिली तो सिटी सिविल कोर्ट के जज जे.एल. चौटिया ने पुलिस को मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया। कोर्ट ने पुलिस को फर्जी कोर्ट में रखे कंप्यूटर, सीपीयू और अन्य उपकरण जब्त करने का आदेश दिया है। पुलिस अपनी कार्रवाई में जुटी हुई है। वहीं, अहमदाबाद में फर्जी कोर्ट के इस खुलासे से हड़कंप मचा हुआ है। लोग हैरान हैं कि कैसे एक फर्जी जज सालों तक लोगों को बेवकूफ बनाता रहा। अहमदाबाद के भादर में सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट के रजिस्ट्रार हार्दिक देसाई ने कारंज पुलिस स्टेशन में आरोपी मॉरिस सैमुअल क्रिश्चिन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
Edited by Navin Rangiyal

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