नई दिल्ली। किसानों के आंदोलन का बुधवार को 28वां दिन है। सारकार को उम्मीद है कि किसानों के साथ कोई सुलह का रास्ता निकलेगा। इसीलिए सरकार ने आज फिर से किसानों को बातचीत का प्रस्ताव भेजा है। सरकार चाहती है कि कोई बीच का रास्ता निकल जाए परंतु किसान तीनों नए कानून वापस लेने की मांग पर डटे हैं। सरकार ने एक बार फिर से बातचीत का प्रस्ताव भेजा है, जिस पर किसान आज विचार कर रहे हैं। सिंघु बॉर्डर पर 40 किसान संगठनों की बैठक शुरू हो गई है। पांच सदस्यीय कमेटी तय करेगी आगे की दिशा और शाम को प्रेस कॉफ्रेंस करके बताएंगे अपना निर्णय।
इस बैठक से पहले किसान नेता गुरनाम सिंह चढुनी ने कहा कि सरकार अपने रुख पर अड़ी हुई है, हम भी अपनी मांग पर अड़े हैं। हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति को भी स्वीकार नहीं करते हैं, अगर वह बनाई जाती है तो। अगर सरकार बात करना चाहती है कि वे कानूनों को निरस्त क्यों नहीं करती है।
इससे पहले किसानों ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर मनाए जाने वाले 'किसान दिवस' पर उनके प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए लोगों से एक वक्त का भोजन ना करने की अपील की है। कई किसानों ने बुधवार सुबह 'किसान घाट' पहुंच चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। सिंह को उनकी किसान हितैषी नीतियों के लिए पहचाना जाता है।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'किसान दिवस पर कई नेता श्रद्धांजलि अर्पित करने किसान घाट आए। वे श्रद्धांजलि अर्पित करके तुरंत ही वहां से जा रहे हैं।' किसान दिवस के मौके पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर हवन भी किया। किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने बताया कि पंजाब के 32 किसान यूनियन के नेताओं ने मंगलवार को बैठक की और आगे की रणनीति पर चर्चा की। देशभर के किसान नेता बुधवार को एक बैठक करेंगे, जिसमें सरकार के बातचीत के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा।