रिपोर्ट में कहा गया कि मई और जून में एशिया में 28 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ। चक्रवात फोनी भारत और बांग्लादेश में आया तथा चीन के कुछ हिस्सों में 60 साल की तुलना में अधिकतम बारिश हुई वहीं उत्तर भारत में मजबूत मानसून से अनेक हिस्सों में बाढ़ आई जिसमें 1,900 लोग मारे गए।
रिपोर्ट में कहा गया कि इसका एक कारण यह है कि ऐसा वातावरण जो गर्म हो, वह अधिक जल वाष्प ग्रहण कर सकता है। दुनिया में अभी तक तापमान 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। इसने कहा कि उत्तर भारत में आंधी-तूफान सामान्य से 50 प्रतिशत बढ़े हैं और इसकी अवधि 80 प्रतिशत लंबी हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में अधिक अप्रत्याशित और अत्यधिक बारिश की प्रवृत्ति उस बात को दर्शाती है जिसका पर्यावरणविदों ने अनुमान लगाया था कि जलवायु परिवर्तन के कारण ये घटनाएं होंगी, खासकर अगर उत्सर्जन में गिरावट नहीं आती तो। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि अगर उत्सर्जन बढ़ता रहा तो इस सदी में मानसून की बारिश अधिक अप्रत्याशित हो जाएगी, यह 50 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।