Donald Trump News : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक जीत के बीच कई पूर्व भारतीय राजनयिकों ने बुधवार को इस बात पर सहमति जताई कि भारत-अमेरिका संबंध लगातार मजबूत होते रहेंगे। हालांकि उनमें से कुछ ने आगाह किया कि ट्रंप बहुत अप्रत्याशित हैं और नई दिल्ली को यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि वह आगे क्या रुख अपनाते हैं।
बातचीत में भारत के पूर्व राजदूतों ने यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ट्रंप (78) के एजेंडे में शीर्ष पर होगा और वह अगले साल जनवरी में राष्ट्रपति पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से पहले इस संघर्ष पर बयान भी दे सकते हैं। रिपब्लिकन पार्टी के नेता ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ी राजनीतिक वापसी करते हुए अपने दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की। उन्होंने कड़े मुकाबले में डेमोक्रेटिक पार्टी से अपनी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस को हराया।
वर्ष 2017 से 2020 तक नीदरलैंड में भारत के दूत रहे वेणु राजामणि ने कहा कि भारत को सावधानीपूर्वक और सचेत रहते हुए आगे बढ़ना चाहिए, भले ही हम संबंधों को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास करें। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि भारत-अमेरिका संबंध मजबूत बुनियाद पर टिके हैं।
भारत ने पूर्ववर्ती ट्रंप सरकार के साथ काम किया है। ट्रंप और प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी के बीच अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं और अमेरिका में भारतीय समुदाय इस संबंध का मजबूत आधार है। इसलिए हम यह मान सकते हैं कि भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होते रहेंगे।
यह याद दिलाते हुए कि ट्रंप के लिए हमेशा ही अमेरिका पहले है, पूर्व दूत ने आगाह किया कि वह (ट्रंप) आगे बढ़ेंगे और वही करेंगे जो उन्हें अमेरिका के हित के लिए सबसे अच्छा लगेगा और नई दिल्ली को रिश्तों में उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए चाहे वह व्यापार हो या अन्य मुद्दे।
वर्तमान में ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक के रूप में कार्यरत राजामणि ने कहा, इसलिए हमारी रणनीतिक स्वायत्तता की रक्षा करना और उसे बनाए रखना हमारे हित में है। हमें अमेरिका की ओर से उस स्वायत्तता को कम करने के लिए कुछ दबाव देखने को मिल सकता है, जो शायद हमारे हित में न हो। इसलिए हमें सावधानीपूर्वक और सचेत रहते हुए आगे बढ़ना चाहिए, साथ ही संबंध को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए।
ट्रंप 45वां राष्ट्रपति रहने के बाद, अब 47वां राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं। ट्रंप दो बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले दूसरे व्यक्ति होंगे। उनसे पहले ग्रोवर क्लीवलैंड देश के 22वें और 24वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। वह 1885 से 1889 तक और फिर 1893 से 1897 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे थे।
राजामणि ने यह भी कहा कि ट्रंप के पास विदेश नीति से जुड़े कई मुद्दे हैं और इससे भी अधिक महत्वपूर्ण रूस-यूक्रेन संघर्ष है तथा इसी प्रकार गाजा में भी जो हो रहा है, वह भी महत्वपूर्ण है। इटली में भारत के राजदूत के रूप में सेवा दे चुके केपी फैबियन ने कहा, रणनीतिक संबंधों की बात करें तो ट्रंप भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों के समर्थक होंगे। फेबियन ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया संघर्ष मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित करने वाले कारक रहे होंगे।
राजामणि से यह पूछे जाने पर कि क्या यूक्रेन युद्ध ट्रंप के एजेंडे में शीर्ष स्थान पर होगा, उन्होंने कहा, बिल्कुल। चुनाव प्रचार के दौरान उठे मुद्दों पर राजामणि ने कहा कि ट्रंप के एजेंडे में आव्रजन और सीमा नियंत्रण शीर्ष पर था। उन्होंने कहा, प्रवासी विरोधी और अल्पसंख्यक विरोधी भावनाएं भी भारत के खिलाफ बढ़ सकती हैं। हमें इसके प्रति सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour