नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने रविवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके साथ ही अदालत ने जेल अधिकारियों को उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया। महानगर मजिस्ट्रेट देव सरोहा ने उन्हें जेल भेज दिया।
इससे पहले उन्हें खजूरी खास इलाके में दंगों से संबंधित मामले में पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने पर अदालत में पेश किया गया। अदालत ने जेल अधीक्षक को उचित सावधानी बरतते हुए खालिद को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया। इसने पहले खालिद को मामले में 3 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया था।
खालिद को सख्त आतंकवाद विरोधी कानून- गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में बड़ी साजिश से संबंधित एक अलग मामला है। खालिद ने अपने वकील त्रिदीप पाइस के जरिए दायर याचिका में जेल में पर्याप्त सुरक्षा का अनुरोध किया ताकि न्यायिक हिरासत के दौरान उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचे।
याचिका में अनुरोध किया गया है कि खालिद को जेल नियमों के हिसाब से अपने परिवार, दोस्तों और संबंधियों के साथ संवाद की अनुमति दी जाए। खालिद ने यह भी कहा कि उन्होंने पुलिस हिरासत के दौरान किसी भी बयान या दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। अदालत ने जेल अधीक्षक को जेल नियमावली के अनुसार आवेदन में मांगी गई सुविधाएं प्रदान करने का निर्देश दिया। (भाषा)